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वोडाफोन पेमेंट बैंक जल्द बंद होने की सम्भावना, रहें सावधान

वोडाफोने ने किया पेमेंट बैंक बंद

भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट बैंक वोडाफोन एम पैसा का लाइसेंस कैंसल कर दिया है। बैंकिंग नियामक की इस कार्रवाई के बाद अब वोडाफोन एम-पैसा अपने इस कारोबार को जारी नहीं रख सकती।एम-पैसा के पास अब यह अधिकार नहीं होगा कि कंपनी प्रीपेड इन्स्ट्रुमेंट के तौर पर पेमेंट की सुविधा ग्राहकों को उपलब्ध कराए। आरबीआई ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है।

ग्राहक 3 साल तक पैसा वापस का दावा कर सकते हैं।  एम पैसा का लाइसेंस कैंसल किए जाने के 3 साल के अंदर ग्राहक  कंपनी से अपने क्लेम सेटलमेंट करने का दावा कर सकते हैं। वोडाफोन कहना है कि उसने खुद ही इस सेवा को बंद करने के लिए आरबीआई से निवेदन किया था।

क्या हैं पेमेंट बैंक?

पेमेंट बैंक भारत में मौजूद आम वाणिज्यिकी बैंकों से अलग तरह के बैंक हैं। पेमेंट बैंक जनता की सामान्य बैंकिंग की जरूरतों को तो पूरा करते हैं, लेकिन इन पर कई तरह के प्रतिबंध होते हैं। पेमेंट बैंक लोगों के करंट और बचत खाते खोल सकते हैं, लेकिन लोगों को क्रेडिट कार्ड नही दे सकते। इस समय देश में 7 पेमेंट बैंक काम कर रहे हैं। पेमेंट बैंक प्रवासी कर्मचारियों के रुपये जमा कर सकते हैं और प्रवासी श्रमिक द्वारा भेजी गई रक़म उसके परिवार वालों को देने का काम भी करते हैं। भारत के ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को बैंकिंग चैनल में शामिल करने के लिए रिजर्व बैंक ने पेमेंट बैंक को लाइसेंस दिया था।

11 पेमेंट बैंक को मिला था लाइसेंस पिछले साल ही वोडाफोन-आइडिया ने फैसला लिया था कि वह अपने एम-पैसा कारोबार को बंद कर देगी। इससे पहले आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट बैंक लिमिटेड बंद हो गयी थी। इस पेमेंट बैंक के बंद होने के बाद ही वोडाफोन और आइडिया का विलय हुआ था। आरबीआई ने साल 2015 में करीब 11 पेमेंट बैंक को लाइसेंस जारी किया था। वोडाफोन एम पैसा भी उनमें से एक है।