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अब पोस्ट ऑफिस से धन निकासी पर भी देना होगा TDS!

पोस्ट ऑफिस को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अकाउंट होल्डर का पैन कार्ड उनके सिस्टम में रजिस्टर्ड हो

पोस्ट ऑफिस का नाम आते साथ ही हमारे दिमाग में चिट्ठियों की तस्वीर आती है| मगर आज पोस्ट ऑफिस सिर्फ चिट्ठी लाने-ले जाने का केंद्र नहीं रह गया है, यह अन्य सुविधाओं के साथ बैंकिंग से संबंधित भी बहुतायत कार्य कर रहे हैं| ख़ास तौर से ‘स्मॉल सेविंग स्कीम्स’ के ​लिहाज से पोस्ट ऑफिस स्कीम्स पर लोगों का सबसे अधिक भरोसा होता है| लेकिन, क्या आपको पता है कि एक वित्तीय वर्ष में अगर आप तय सीमा से अधिक पैसे निकालते हैं तो इसके लिए आपको Tax Deducted at Source (TDS) भी देना पड़ सकता है|

2 फीसदी TDS देना होगा अनिवार्य

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हाल ही में केंद्र सरकार एक प्रावधान लेकर आई है, जिसके तहत अगर आप 1 सितंबर 2019 के बाद अपने अकाउंट से वित्त वर्ष 2019-20 में 1 करोड़ रुपए से अधिक की रकम निकासी करते हैं तो इसके लिए आपको 2 फीसदी TDS देना अनिवार्य होगा| इसके साथ ही प्रावधान किया गया है कि पोस्ट ऑफिस से जुड़े हर अकाउंट को पैन कार्ड से लिंक्ड किया जाए|

क्या है इस प्रावधान

केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में फाइनेंस एक्ट 2019 के तहत यह प्रावधान किया है| इसमें वित्त वर्ष 2019—20 में 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम निकासी पर 2 फीसदी TDS काटना अनिवार्य कर दिया गया है| इसे 1 सितंबर 2019 से लागू भी कर दिया गया है|

CBDT ने दी सफाई

सरकार के इस प्रावधान के बाद 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 अगस्त 2019 के बीच नकदी निकासी को लेकर भी कन्फ्यूजन था क्योंकि उपरोक्त नए नियम को 1 सितंबर 2019 के लागू है| CBDT ने पहले ही इस पर सफाई दे दी है| केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा, ‘लोगों की चिंता को दूर करते हुए यह साफ किया जाता है कि सेक्शन 194N को 1 सितंबर 2019 से लागू किया गया है| ऐसे में अगर आप 1 सितंबर 2019 के बाद से अकाउंट से 1 करोड़ रुपए की निकासी करते हैं तो इसके लिए आपको 2 फीसदी TDS देना होगा|

कैसे होगा कैलकुलेट

चूंकि इस नियम को पूरे वित्तीय वर्ष पर लागू किया है, नकदी निकासी की पूरी रकम पर पूरे वित्तीय वर्ष के आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा| ऐसे में अगर आपने 31 अगस्त 2019 के पहले 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक रकम की निकासी की है तो 1 सितंबर के बाद किसी भी निकासी पर आपको 2 फीसदी का टीडीएस देना होगा|

TDS क्या होता है?

TDS सुनते ही आपके मन में कई तरह के सवाल आते होंगे| जैसे यह क्यों लगाया जाता है? कितनी आय पर लगता है? टैक्स के रूप में काटी गई यह रकम कहां जाती है? कौन काट सकता है TDS?

TDS शुरू करने का मकसद था सोर्स पर ही टैक्स काट लेना| अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को TDS कहते हैं| सरकार TDS के जरिए टैक्स जुटाती है| यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है मसलन सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि| आपका पोस्ट ऑफिस का टीडीएस कटौती इसी निकासी आधार पर होगा|