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हरियाणा सरकार ने बदला 2020 बजट का तरीका

महिलाओं के लिए नई योजनाएं सुझाने को कहा गया है।

हरियाणा सरकार का अब की बार जनकल्याण एवं विकास योजनाओं के लिए बजट मांगने का तरीका भी इस बार बदला है। आवेदन पत्र में विभागों को यह बताना जरूरी किया गया है कि स्कीम केंद्र प्रायोजित है या राज्य सरकार की और कब शुरू की गई, प्रभाव कैसा चल रहा है और परफार्मेंस कैसी है। लक्ष्य प्राप्त हुआ है या नहीं। 2020-21 के लिए फिजिकल और वित्तीय लक्ष्य क्या निर्धारित किया गया है। स्कीम का फायदा क्या है और इसे जारी क्यों रखा जाए।

हरियाणा सरकार के सभी मंत्रियों को विशेष हिदायत दी गई है। प्रत्येक महकमे के मंत्री को अपना पूरा ब्यौरा देना होगा उनको कितनी बजट की मांग है। और ये मांग केंद्र सरकार की स्कीमो के तहत है या हरियाणा सरकार का अपना प्रपोजल है।

वित्त महकमे ने बनाये  कुल 99 हेड

वित्त महकमे ने बजट आवंटन के लिए कुल 99 हेड बनाए हैं। इनमें बजट का आवंटन किया जाएगा। बकायदा इसके लिए कोड भी जारी किया गया है। इन हेड में वेतन, मजदूरी, डीए, यात्रा भत्ते, खरीद, कार्यालय खर्च, रेंट, रेट्स और टैक्स, छात्रवृत्ति व भत्ते, मुख्य एवं छोटे कार्य, मरम्मत, निवेश, लोन, पेंशन, ग्रेच्युटी, एडवांस इत्यादि शामिल हैं।

पूर्व मनोहर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश के लिए 20 से अधिक दीर्घकालिक विकास लक्ष्य निर्धारित किए हैं। नए बजट में उन पर भी विशेष फोकस करने के लिए विभागों को निर्देश दिए गए हैं। उनका बजट डिमांड में उल्लेख जरूरी है। महिलाओं संबंधी योजनाओं के लिए जारी राशि और खर्च का पूरा ब्योरा आंकड़ों के साथ देना होगा। नए बजट में भी महिलाओं के लिए नई योजनाएं सुझाने को कहा गया है।