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बजट-2020 के प्रावधानों से 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

जीएसटी की दर में 25 प्रतिशत की कटौती की मांग

उद्योग क्षेत्र को उम्मीद है कि आगामी बजट में ऐसे प्रावधान किये जाएंगे जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और आगामी कुछ वर्षों में देश 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था वाला राष्ट्र बन जाएगा। उद्यमियों को आशा है कि सरकार कारोबार में सहूलियत के लिए उद्यमियों के सामने जमीनी स्तर पर आने वाली दिक्कतें दूर करने के साथ ही नयी इकाइयों को मंजूरी देने की प्रक्रिया सरल करेगी। ये बातें एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने बुधवार को नयी दिल्ली में कहीं| वे बुधवार को आगामी बजट-2020 से जुडी उद्यमियों की आशाओं पर चर्चा कर रहे थे|

अर्थव्यवस्था में इन्फ्रास्ट्रकचर की बड़ी भूमिका:

अर्थव्यवस्था में इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व पर जोर देते हुए हीरानंदानी ने कहा कि, पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की बड़ी भूमिका है।आशा है कि मोदी सरकार भूमि संबंधी दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की पुरानी मांग को पूरा करेगी| इसके लिए समयबद्ध नीति बनायी जाएगी।भंडारगृहों के आवंटन के काम में तेजी आयेगी।उन्होंने बजट-2020 के लिए सुझाव देते हुए हुए कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियों या माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के जैसे ही एमएसएमई वित्तपोषण के लिए विशेष एनबीएफसी को एमएसएमई को वित्त देने के लिए स्थापित किया जाना चाहिए|इस तरह के ऋण को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।

बजट-2020 से एसोचैम की उम्मीदें:

इस अवसर पर एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने संवाददाताओं से उद्योग जगत की उम्मीदों पर भी विस्तार से चर्चा की| उन्होंने कहा कि,एसोचैम ने सभी स्लैब में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 25 प्रतिशत तक घटाने और सूक्षम,लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की समस्याओं को तत्काल दूर करने तथा कृषि क्षेत्र में कारपोरेट फार्मिंग शुरू करने के बजट में प्रावधान करने के साथ कुछ मांगें सरकार के समक्ष रखी हैं|उम्मीद है बजट-2020 में ये मांगें पूरी होने के बाद आर्थिक सुस्ती दूर होगी और रोजगार के व्यापक अवसर उत्पन्न होंगे। हीरानंदानी ने कहा कि आयात वाले वे उत्पाद जो भारत में विनिर्माण के लिए नए निवेश को आकर्षित करते हैं, उन्हें मुक्त व्यापार समझौते के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। प्रत्येक एक करोड़ के निवेश में 50 लोगों और उससे अधिक लोगों को रोजगार देने वाले उद्योगों को उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में माना जाना चाहिए। बीस प्रतिशत से अधिक महिलाओं को रोजगार देने वाली कंपनियों को एक प्रतिशत की समग्र कर छूट देने की जरूरत है।

अन्य सुझाव:

बजट-2020 से जुडी एसोचैम की अन्य अन्य आशाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए निरंजन ने कहा कि निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए कम से कम तीन से पांच वर्षों के लिए नीति में स्थायित्व की आवश्यकता है। निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों के लिए सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत है जिससे क्रियान्वयन में हो रही देरी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि आईएलएफएस बांड आने के बाद भी बाजार में सुधार नहीं हुआ है। दीर्घकालिक बांड में निवेश के लिए बाजार की आवश्यकता है, जहां पेंशन फंड निवेश कर सकते हैं।