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बजट-2020: बीमा उद्योग की मांग Tax में छूट और GST से राहत 

जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह

आगामी बजट-2020 से हर सेक्टर की आशाएं जुड़ी हुई हैं|साल 2019 की आर्थिक सुस्ती के बाद लोग चाहते हैं आगामी बजट से उन्हें राहत मिले| ऐसी ही आशाएं बीमा उद्योग को भी है|बीमा सेक्टर को आम बजट में और कर प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद है। उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि बजट में मिले प्रोत्साहन से बीमा उद्योग को विस्तार मिलेगा| प्रोत्साहन व राहत मिलने से वे आम जनता तक जीवन, स्वास्थ्य और साधारण बीमा को पहुंचा सकते हैं|बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट-2020 पेश करेंगी|

आयकर में अलग कटौती के प्रावधान:

बीमा उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि बजट-2020 में नये पॉलिसी लेने वाले लोगों के लिए आयकर में 50 हजार रुपये की अलग कटौती सीमा निर्धारित करनी चाहिए|भाषा की रिपोर्ट के अनुसार जीवन बीमा परिषद के सचिव एस एन भट्टाचार्य ने कहा कि, ‘हम वित्त मंत्री से आग्रह करते हैं कि व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों के लिये चुकाये गये प्रीमियम पर आयकर में कटौती के लिये अलग से प्रावधान किया जाना चाहिये|’ उन्होंने कहा, ‘यदि अलग से कटौती नहीं दी जाती है तो धारा 80सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जाना चाहिए जिसमें बीमा प्रीमियम पर मिलने वाली कटौती को बढ़ाया जाना चाहिये|’अतिरिक्त सीमा रखे जाने से जीवन बीमा क्षेत्र का व्यवसाय सुगमता से आगे बढेगा|

जीएसटी दर में संशोधन:

विभिन्न बीमा उद्योग से जुड़े लोग बजट-2020 में GST दरों में संशोधन भी चाहते हैं|गैर-जीवन बीमा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली साधारण बीमा परिषद ने सरकार से पॉलिसी पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का आग्रह किया| परिषद के महासिचव एम एन शर्मा ने कहा, ‘‘बीमा अब जरूरत बन गया है| लोगों के बीच जोखिम प्रबंधन को प्रोत्साहन देने के लिये साधारण बीमा उत्पादों पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया जाना चाहिये|’’इसके अलावा लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर अन्य वित्तीय उत्पादों की तरह साधारण बीमा उत्पादों पर भी मिलने की मांग भी की गयी है| बीमा उद्योग का मानना है कि उपरोक्त संशोधनों के बाद उद्योग को उपभोक्ताओं तक सस्ता बीमा पहुंचाने में मदद मिलेगी।