बजट-2020 में है फेसलेस अपील का प्रावधान: वित्त मंत्री
ऑनलाइन की जा सकेगी अपील
एक फरवरी को लोकसभा में पेश बजट-2020 में कर व्यवस्था से जुड़ी कई विशेषताएं शामिल हैं|ये विशेषताएँ करदाताओं के लिए कर प्रक्रिया को और सरल बनाएंगी|कर विवादों का निपटारा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है|मोदी सरकार पारदर्शी कर संग्रह व्यवस्था से करदाताओं का विश्वास अर्जित करना चाहती है|बजट-2020 में प्रस्तुत कर प्रावधान कर संग्रह से संबंधित विवादों को और भी पारदर्शी बनायेंगे|इन प्रावधानों में फेसलेस अपील प्रमुख है|ये प्रावधान प्रौद्योगिकी की मदद से हकीकत बन जाएगा|ये जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी|वे बजट-2020 में शामिल कर प्रावधानों कि विशेषता बता रही थी|
ऑनलाइन की जा सकेगी अपील:
वित्त मंत्री ने बजट-2020 में प्रत्यक्ष कर विवादों के निपटारे से जुड़ी विवाद से विश्वास स्कीम पर की घोषणा की थी। प्रत्यक्ष कर से संबंधित विवादों को सरल करने के लिए ही फेसलेस अपील का प्रावधान किया गया है| बता दें फेसलेस अपील से मतलब यह है कि कर विवादों संबंधित मामलों की अपील भी ऑनलाइन दाखिल की जा सकेगी। जबकि विवाद से विश्वास स्कीम के तहत करदाताओं को बिना ब्याज और जुर्माने के अपना बकाया कर चुकाने का मौका दिया जाएगा।
कर विवाद के 5 लाख मामले लंबित हैं:
बजट-2020 में कर संग्रह प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रमुख कारण है 5 लाख से अधिक लंबित कर संग्रह संबंधित विवाद| काबिलेगौर है कि 30 नवंबर, 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न स्तर पर कर विवाद के करीब पांच लाख मामले हैं, जिनमें सरकार के राजस्व के करीब 9.32 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं।अतः सरकार प्रत्यक्ष कर से जुड़े विवादों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाना चाहती है|प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, 2020 के तहत करदाता यदि 31 मार्च, 2020 तक अपना बकाया टैक्स चुका देते हैं, तो उन्हें ब्याज और जुर्माने में पूरी छूट दी जाएगी।इससे चूकने वाले करदाताओं को सभी देनदारियों के ऊपर 10 फीसद का अतिरिक्त विवाद कर चुकाना पड़ेगा।जबकि उद्योग संगठन इस अवधि को एक महीना बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2020 करने की मांग कर रहे हैं|उनका कहना है कि इससे कई करदाता लाभन्वित होंगे और सरकार को दो लाख करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त हो सकता है।