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बजट-2020 : मेड इन China पड़ेगा महंगा

वाणिज्य मंत्रालय ने बजट-2020 में संस्तुति की सिफारिश की

विदेशी आयतित सामान भारतीय कंपनियों के उत्पादों की बिक्री पर बुरा प्रभाव डालते हैं|आर्थिक सुस्ती से और बिक्री के संकट के बीच आगामी बजट-2020 में सरकार उठा सकती है कड़े कदम|जिसका प्रभाव सस्ते मेड इन China सामानों पर पड़ेगा| देश में चीन से आयातीत उत्पादों के प्रयोग में कमी लाने के लिए मोदी सरकार सस्ते चीनी सामानों पर आयात कर बढाने जा रही है|

मुश्किल में घरेलु उद्योग:

विदित हो कि आर्थिक सुस्ती के माहौल में घरेलु उद्योग बिक्री संकट से जूझ रहे हैं|जबकि ग्राहक सस्ता होने के कारण चीन से आयातित सामानों की जमकर खरीददारी करते हैं|कम कीमत के कारण चीनी उत्पादों की लोकप्रियता प्रायः हर वर्ग में है|ऐसे में इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार का ये कदम भारतीय कम्पनियों को राहत अवश्य देगा|बजट-2020 में संस्तुति के बाद सस्ता चीनी सामान खरीदने की प्रवृत्ति में कमी आ जायेगी|सरकार ने ऐसे लगभग 300 उत्पादों को चिन्हित है जो चीन से भारत आ रहे हैं|इनकी वजह से घरेलू उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है|वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को शुल्क बढ़ाने की घोषणा कर सकती हैं|

विदेश से आयातित इन उत्पादों पर 100 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी:

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार चीन से आयात किए जाने वाले सस्ते खिलौने और जूते सरकार के निशाने पर हैं|बता दें कि  केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से सिफारिश की है कि बजट-2020 में  विदेश से आयात होने वाले सभी तरह के खिलौनों पर 100 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाए|अभी तक इन उत्पादों पर सिर्फ 20 फीसदी आयात शुल्क के कारण भारतीय बाजारों में  कम कीमत पर उपलब्ध हो जाते है|भारत विश्व के प्रमुख बाजारों में शामिल है इसलिए चीन की कंपनियों की निगाह विशेष रूप से भारत पर लगी रहती है|चीन से सीधे आयात पर भारत सरकार की नजर रहने के कारण अब चीन अपने सामान को वियतनाम, इंडोनेशिया या कंबोडिया जैसे आसियान देशों के माध्यम से भेजने लगा है|

इन उत्पादों पर भी है नजर:

केंद्रीय वित्त मंत्रालय फर्नीचर, कोटेड पेपर और रबर के उत्पादों पर भी आयात शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है|बजट-2020 में इन उत्पादों में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है| इसके अलावा विदेश से आयातित जूते पर आयात शुल्क 40 प्रतिशत करने की भी सिफारिश की गई है| फिलहाल इन उत्पादों पर मात्र 10-15 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी है|