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बजट 2020: होम लोन ब्याज दर पर 100 प्रतिशत छूट की मांग

100 परसेंट टैक्स फ्री हो होम लोन

अचल संपत्ति क्षेत्र के निवेशको की संस्था क्रेडाई ने इस क्षेत्र के उद्योग को दर्जा देने की पुरानी मांग को दोहराते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री से होम लोन पर देय ब्याज पर शत प्रतिशत कटौती का लाभ देने की मांग की है। संगठन का कहना है कि यदि वर्ष 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराना है तो सरकार को अर्फोडेबल हाउस की भी परिभाषा बदलनी चाहिए।

क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट सतीश मागर ने कहा कि इस समय देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रियल एस्टेट क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब आठ फीसदी है और कृषि के बाद यह दूसरा ऐसा क्षेत्र है जो सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराता है। इसलिए सरकार को इस क्षेत्र को सुस्ती को उबारने के लिए कदम उठाने चाहिए। वैसे भी नोटबंदी के बाद से ही इस क्षेत्र में सुस्ती है और नई परियोजनाओं की संख्या बहुत कम हो गई है।

रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा देने की मांग

क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट का कहना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की मांग पुरानी है, लेकिन अभी तक उसे यह दर्जा नहीं मिला है। यदि इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा मिल जाए तो इसे भी अन्य क्षेत्र की तरह वित्त पोषण में दिक्कत नहीं होगी। यदि रियल एस्टेट परियोजनाओं को समय पर वित्त पोषण मिल जाए तो परियोजना पूरी होने में दिक्कत नहीं होगी। देश भर में रेरा लागू हो चुका है और इस क्षेत्र में पारदर्शिता आ गई है, ऐसे में सरकार को इस मांग को मान लेना चाहिए।

क्रेडाई का कहना है कि इस समय किसी भी वैयक्तिक करदाता को होम लोन पर देय ब्याज पर डिडक्शन मिलता है। लेकिन यह लाभ तभी मिलता है, जब होम लोन एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच स्वीकृत हुआ हो और यह रकम 50 हजार रुपये से अधिक नहीं हो। इसलिए सरकार इस समयसीमा को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दे। साथ ही पहले मकान के लिए लिये गए होम लोन पर जितना भी ब्याज चुकाया गया हो, उसका शत प्रतिशत डिडक्शन मिलना चाहिए।