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बीएस-6 वाहनों पर 18% GST लागू हो : सियाम

सियाम) ने वित्त मंत्रालय को मांगें सौंपी

बीते साल बिक्री संकट से जूझ रहे भारतीय वाहन उद्योग को आगामी बजट-2020 से काफी उम्मीदें हैं|वाहन उद्योग बजट में अपेक्षित प्रोत्साहन की आशा लगाये बैठा है|वाहन निर्माताओं के शीर्ष संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने वित्त मंत्रालय को मांगें सौंपी|वाहनों की बिक्री में भारी कमी आने से परेशान भारतीय ऑटो उद्योग ने वित्त मंत्रालय से बीएस-6 मानक वाहनों के लिए जीएसटी की दरों में कमी के साथ ही अन्य मांगें भी प्रस्तुत की हैं|सियाम के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने वित्त मंत्रालय से बीएस-6 मानक वाहनों के लिए जीएसटी को कम कर 18 फीसदी करने के साथ ही प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति बनाने की अपील की है।

राज्य परिवहन निगम का आवंटन बढाने की ज़रूरत:

2019 में वाहनों की बिक्री में भारी कमी आने से परेशान भारतीय ऑटो उद्योग ने वित्त मंत्रालय से बीएस-6 मानक वाहनों के लिए जीएसटी की दरों में कमी के साथ ही अन्य मांगें भी प्रस्तुत की हैं|सियाम के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति बनाने की अपील के साथ ही राज्य परिवहन निगमों की ओर से पारंपरिक इंजन वाली बसों की खरीद के लिए आवंटन बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।वाहन उद्योग का मानना है बीएस-6 मानक को अपनाये जाने से वाहनों की माँग प्रभावित होने की आशंका है।बता दें बीएस-6 मानक को पूरा करने के कारण वाहन उत्पादन की लागत बढ़ जाती है|जिसका प्रभाव कीमतों पर नजर आता है|इसी कारण वाहन उद्योग इन वाहनों पर जीएसटी दर को 28 फीसदी से कम कर 18 फीसदी करने की मांग कर रहा है।

15 फीसदी निवेश भत्ता भी मांग में शामिल:

इन मांगों के अतिरिक्त भी वाहन उद्योग ने प्रोत्साहन के लिए कुछ अन्य मांगे भी सरकार के समक्ष प्रस्तुत की हैं|मनी भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार वाहनों के लिए कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष संगठन ऑटोमोटिव कंपोनेन्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेशन (एक्मा) के अध्यक्ष दीपक जैन ने सभी कलपुर्जां पर जीएसटी को 18 फीसदी करने और शोध एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी विकास को गति देने के लिए सकारात्मक पहल करने की अपील है। कुल 850 से अधिक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि बजट में ऐसे उपाय किये जाने चाहिये जिससे देश में ऑटोमोटिव उद्योग में इस वर्ष अगले चरण की वृद्धि को गति मिल सके।उन्होंने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए फिर से निवेश प्रोत्साहन योजना का सुझाव भी दिया|जिसके अंतर्गत संयंत्र और मशीनरी पर 25 करोड़ रुपए या इससे अधिक का निवेश किए जाने पर 15 फीसदी निवेश भत्ता मिलना चाहिए।साथ ही शोध एवं विकास, प्रौद्योगिकी विकास, एमएसएमई की नई परिभाषा बनाने की माँग की।