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बीमा कंपनियों के विलय की कवायद तेज

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने निदेशक मंडल की बैठक बुलाई

विलय की चर्चाओं के बीच कोलकाता स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने सोमवार को अपने निदेशक मंडल की बैठक बुलाई थी। विदित हो कि वित्तीय समस्याओं से घिरी सार्वजनिक बीमा कंपनियों का विलय प्रस्तावित है|विलय की सरलता के लिए इन कम्पनियों में वित्तीय निवेश आवश्यक है|बजट-2020 में इन कम्पनियों में इन कंपनियों सरकार दे सकती है वित्तीय राहत|नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की इस बैठक में विलय पर चर्चा के अनुमान लगाये जा रहे हैं|

विलय प्रस्ताव विचाराधीन है:

बता दें कि तीनों सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनियों का विलय प्रस्तावित है|ये विलय प्रस्ताव बजट 2018-19 में पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली ने प्रस्तुत किया था|हालांकि खस्ताहाल आर्थिक दशा के कारण ये प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है| विलय के पश्चात् नई संयुक्त कंपनी भारत की सबसे बड़ी सरकारी गैर जीवन बीमा कंपनी बन जाएगी|जिसकी वैल्यू 1.2 से 1.5 लाख करोड़ रुपए होगी|आगामी बजट में इन कम्पनियों में वित्तीय निवेश की पूरी सम्भावना है|

विलय को मंजूरी देने के लिए बैठक:

इन तीनों कंपनियों में केंद्र सरकार ने द्वारा विलय प्रस्ताव आने के बाद से ही  बैठकों का दौर जारी है|नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की बैठक से पहले शुक्रवार को ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के निदेशक मंडलों की बैठक हो चुकी है।ये बैठक नयी दिल्ली में आयोजित की गयी थी| आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार  तीनों कंपनियों के विलय को हरी झंडी देने के लिए बोर्ड की बैठक शॉर्ट नोटिस पर की गयी थी।जनरल इंश्योरेंस इंप्लाइज ऑल इंडिया एसोसिएशन के महासचिव के. गोविदन ने आईएएनएस को बताया कि यूनाइटेड इंडिया और ओरियंटल इंश्योरेंस के निदेशक मंडल की बैठकें विलय को मंजूरी देने के लिए हुई थीं। इसी तरह से बोर्ड ऑफ नेशनल इंश्योरेंस उसी उद्देश्य के लिए सोमवार को बैठक करेगा।संसद में बजट-2020 पेश होने के दो सप्ताह पहले चल रहे बैठकों के इस दौर के कारण जल्द विलय प्रक्रिया के अनुमान व्यक्त किये जा रहे हैं|हालांकि इन तीनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारीयों ने इस विषय में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है|