Arthgyani
होम > न्यूज > भारत की आर्थिक वृद्धि 5 प्रतिशत विश्व बैंक का अनुमान

भारत की आर्थिक वृद्धि 5 प्रतिशत विश्व बैंक का अनुमान

5 प्रतिशत की ग्रोथ रेट 2008-09 के बाद सबसे कम है

विश्व बैंक ने बुधवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 6 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इसके एक दिन पहल ही देश के स्टटिस्टिक्स ऑफिस ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। यह दर 11 साल में सबसे कम है। विश्व बैंक के मुताबिक, देश की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष थोड़ी बेहतर होकर 5.8 फीसदी रह सकती है। विश्व बैंक ने बुधवार को ग्लोबल इकनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि एनबीएफसी से लोन मिलने में कमी के चलते ग्रोथ रेट में कमी आएगी।

5 फीसदी की ग्रोथ रेट 2008-09 के बाद सबसे कम है, जब ग्रोथ रेट 3.1 फीसदी पर आ गई थी। तब वैश्विक वित्तीय संकट के चलते अर्थव्यस्था पर खराब असर पड़ा था। विश्व बैंक का ग्रोथ रेट का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान के मुताबिक है। आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

ग्रोथ रेट और कम होने की संभावना

विश्व बैंक की रिपोर्ट में इस कैलेंडर ईयर में वैश्विक अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इन्वेस्टमेंट और ट्रेड में पिछले साल जो गिरावट देखी गई थी, उससे रिकवरी होने के चलते यह वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि अभी गिरावट का खतरा टला नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के सुस्त पड़ने के चलते इस वित्त वर्ष में मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में विकास दर 1.4 फीसदी तक गिरने की संभावना है।

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत रह सकती है। जो सरकार के हिसाब से काफी कम है। वहीँ चालू बाज़ार मूल्य पर अर्थव्यस्था की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रह सकती है जो इसका 42 साल का निचला स्तर होगा। एसबीआई के एक लेख मे कहा गया है कि हम चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी वृद्धि दर के अनुमान को घटा कर 4.6 प्रतिशत कर रहे हैं।