Arthgyani
होम > न्यूज > भारत के ऊर्जा क्षेत्र

भारत की ऊर्जा नीति की गहन समीक्षा बैठक कल नीति आयोग में संपन्न

अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेन्‍सी की 2020 की भारत नीति समीक्षा रिपोर्ट जारी की गई।

कल शुक्रवार दिनांक 10 जनवरी को नई दिेल्‍ली में नीति आयोग में भारत की ऊर्जा नीतियों की गहन समीक्षा बैठक हुई। इस अवसर पर अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेन्‍सी की 2020 की भारत नीति समीक्षा रिपोर्ट भी जारी की गई। यह समीक्षा रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा तैयार की गई है।

न्यूज एजेंसी से ली गयी ख़बरों के अनुसार नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी, केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज कुमार सिंह, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक एवं राजदूत डॉ. फतेह बिरोल तथा ने संयुक्त रूप से भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च की।

स्वच्छ परिवहन की होगी शुरुआत

‘‘भारत 2020 ऊर्जा नीति समीक्षा’’ रिपोर्ट जारी करने के मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारत ने ऊर्जा भंडारण निदान, स्वच्छ ईंधन और विपणन क्षेत्र को उदार बनाने की दिशा में ज्यादा ध्यान दिया है। कुमार ने कहा कि भारत ने ऊर्जा दक्षता के साथ ही परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने की जो पहल की है, उससे स्वच्छ परिवहन की शुरुआत होगी।

नीली क्रांति से नागरिकों का जीवन बेहतर हो रहा है

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस मौके पर कहा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और शहरी गैस वितरण नेटवर्क के जरिये रसोई घरों तक पाइप से सीधे गैस पहुंचने से भारत में 28 करोड़ परिवार इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही 98 प्रतिशत परिवारों की खाना पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन तक पहुंच बन गई है। श्री कांत ने यह भी कहा कि नीली क्रांति से भी नागरिकों का जीवन बेहतर हो रहा है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को इससे फायदा हो रहा है।

भारत गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था की ओर अग्रसर

पैट्रोलियम मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा है कि भारत गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था की ओर अग्रसर है और ऊर्जा के सभी स्रोतों के सतत और अधिकतम इस्‍तेमाल से पचास खरब डॉलर अर्थव्‍यवस्‍था का देश बनने जा रहा है। पूर्वोत्‍तर गैस ग्रिड परियोजना को विकसित करने के सरकार के हाल के फैसलों से पूर्वोत्‍तर राज्‍यों को लाभ पहुंचेगा।

उज्‍जवला और उजाला योजनाये हैं लाभकारी

भारत की ऊर्जा नीतियों की गहन समीक्षा के दौरान अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा एजेन्‍सी के कार्यकारी निदेशक डॉक्‍टर फातिह बरोल ने कहा कि भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में उल्‍लेखनीय प्रगति की है।  उन्होंने कहा उज्‍जवला और उजाला जैसी योजनायें अत्यंत लाभकारी हैं और इसके क्रियान्‍वयन से जैविक ईंधन के इस्‍तेमाल में कमी आई है।

भारत ऊर्जा के मामले में आत्‍मनिर्भर

ऊर्जा क्षमताओं पर अपने विचार रखते हुए कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार कोयला खनन क्षेत्र को और उदार बना रही है ताकि इससे उद्योगों को ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभ पहुंच सके। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह  ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले ऊर्जा के मामले में भले ही भारत आत्‍मनिर्भर नहीं था लेकिन अब उसके पास जरूरत से ज्‍यादा ऊर्जा क्षमता है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2022 तक भारत 175 गीगावाट नवीनीकृत ऊर्जा उत्‍पादन का लक्ष्‍य हासिल कर लेगा।

जाहिर है कि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने जो नीतिगत पहलें की हैं और जो लगातार प्रयास जारी है इससे इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दिख रही है। उम्मीद है कि सरकार द्वारा अपनी जा रही नीतियों से भारत के ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को सुरक्षित, सस्ता और व्यवहारिक बनाने में मदद मिलेगी।