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भारत के अर्थव्यवस्था की बुनियाद मज़बूत है – प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत असीमित संभावनाओं की धरती है।

प्रधानमंत्री और गणमान्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और विभिन्न क्षेत्रों के नीतिगत विशेषज्ञों की कल गुरुवार को नीति आयोग में बैठक हुई जिसमे विस्तृत विषयों पर चर्चा हुई।  माना जा रहा है कि यह बैठकें आगामी बजट में यथोचित नीतिगत फैसले लेने की दिशा में किया जा रहा प्रयास है।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है।  इसमें फिर से तेज वृद्धि की राह पर लौटने की पूरी क्षमता है। प्रधानमंत्री ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मिलकर प्रयास करने को कहा है।  ख़ास बात ये है कि ये बयान तब आया है जब चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के पिछले 11 साल में सबसे निचले स्तर तक पहुंच जाने के अनुमान है।

मोदी ने ट्वीट किया, ”भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर दृढ़!  ऐसा मेलजोल राष्ट्रीय प्रगति के लिये अच्छा है।” गौरतलब है कि पिछली दो तिमाहियों के दौरान लगातार कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि के बाद सरकार काफी सक्रिय हो गई है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने अलग अलग पक्षों के साथ पिछले कुछ दिनों में ही अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे विभिन्न मुद्दों पर 12 बैठकें की हैं।

देश में हैं असीमित संभावनाएं

इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार श्री मोदी ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि, ” देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विचार अचानक से नहीं आया है। यह देश की ताकत की गहरी समझ पर आधारित है और भारतीय अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव झेलने की ताकत है। अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक उसकी मजबूती और उसके फिर से पटरी पर लौटने की क्षमता को दर्शाती है। मोदी ने ये भी कहा कि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और कृषि आधारित उद्योग जैसे क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने और रोजगार सृजित करने की काफी क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत असीमित संभावनाओं की धरती है। उन्होंने कहा, ”हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए और एक राष्ट्र की तरह सोचना शुरू करना चाहिए।”

जाहिर है कि मोदी भारतीय अर्थव्यस्था को तेजी से पटरी पर लाने को तवज्जो दे रहे हैं और  नीतिगत उपायों को व्यक्तिगत स्तर पर देख रहे हैं। विशेषज्ञों के सुझावों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नीति निर्माताओं और विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

भारत की वर्तमान अर्थव्यवस्था

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रही जो कि दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 फ़ीसदी रह गयी है। सरकार के अग्रिम अनुमान के मुताबिक, अर्थव्यवस्था के 2019-20 में पांच फीसदी की दर से वृद्धि हासिल करने का अनुमान है।

सरकार ने कहा अर्थव्यवस्था के 2019-20 में पांच फीसदी की दर से वृद्धि हासिल करने का अनुमान है। मालूम हो कि यह पिछले वित्त वर्ष की वृद्धि दर 6.8 फीसदी से काफी कम है। यह वैश्विक आर्थिक संकट के समय 2008-09 के बाद की सबसे धीमी वृद्धि दर होगी।