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बजट 2020 – महिला और शिशु के स्वास्थ्य योजनायें

महिला और शिशु के स्वास्थ्य का ख्याल

आज 1 फरवरी 2020 शनिवार को नए सत्र का बजट पेश हुआ। जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया। उन्होंने महिलाओं और शिशु के पोषक को ले के बात की सीतारमण ने कहा सरकार की योजना रास्ट्रीय पोषण योजना महिला और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई। शिशुओं एवं छोटे बच्चों का पोषण बहुत लम्बे समय से वैज्ञानिकों एवं योजनाकारों का ध्यान आकृष्ट कर रहा है।

उन्होंने कहा भारत मे गरीब बच्चो को पोस्टिक आहार ना मिलने से कुपोषण जैसी बिमारी को बढ़ावा मिलता है लेकिन भारत सरकार ने जब से रास्ट्रीय पोषण योजना चालू की है। इस योजना से बहुत सी महिलाओं और शिशु बच्चों को फायदा मिला है   इसका सीधा सा कारण यह है कि मानव जीवन के प्रथम वर्ष के दौरान मानव विकास दर सर्वाधिक होती है और बच्चे की पौषणिक स्थिति निर्धारित करने में शिशु आहार पद्धति में स्तनपान एवं पूरक आहार की प्रमुख भूमिका होती है।

आगामी बजट २०२० हाइलाइट्स

कुपोषण से बचाया शिशु बच्चों को

कुपोषण एवं शिशु आहार के बीच संबंध को भली-भांति सिद्ध किया जा चुका है । हाल ही के वैज्ञानिक साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि प्रति वर्ष पांच से कम आयु में वाले बच्चों में से 60% बच्चों की मृत्यु का कारण कुपोषण होता है। इनमें से दो तिहाई से भी अधिक बच्चों की मृत्यु का कारण अनुपयुक्त आहार पद्धतियां हैं और इनकी मृत्यु 1 वर्ष से कम आयु में हो जाती है। विश्व भर में केवल 35% शिशुओं को जीवन के प्रथम चार माह के दौरान माँ का दूध प्राप्त होता है और अधिकतर शिशुओं का पूरक आहार बहुत पहले या देर से आरम्भ हो पाता है।

लेकिन रास्ट्रीय पोषण योजना के आने से बहुत से शिशु और उनकी माताओं को काफी लाभ मिला है। बच्चों को शुद्ध और पोस्टिक आहार मिला है।    शिशु अवस्था एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था में गलत आहार पद्धतियां सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा खतरा है क्योंकि क्षीण होता है, इस महत्वपूर्ण आयु वर्ग के दौरान स्वस्थ विकास की प्राप्ति एवं इस बनाये रखने के मार्ग में ये पद्धतियां अत्यधिक गम्भीर रुकावट हैं। सरकार की इस योजना का बहुत लाभ हुआ है।