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मुनाफे की है चाह तो बाजार पर रखें निगाह

वैश्विक शेयर बाजारों की बिकवाली से 3 लाख करोड़ का नुकसान

अमेरिका- ईरान के बीच जारी तनाव का असर विश्व के प्रत्येक बाजार पर पड़ा है|पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक बाजार में जबरदस्त बिकवाली नजर आयी| इस बिकवाली के कारण सप्ताह की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। बीएसई का सेंसेक्स 787.98 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 233.60 अंक लुढ़कने के कारण निवेशकों को एक दिन में तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा ।

अस्थिर है बाजार:

वैश्विक परिस्थितियों के कारण बाजार अभी अस्थिर नजर आ रहा है| वैश्विक शेयर बाजारों की  भारी बिकवाली के कारण इस सप्ताह बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में जबरदस्त गिरावट आयी है।जिसके कारण निवेशकों को 3,36,559.82 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। बीएसई में धातु, वित्त, रियल्टी, बैंकेक्स, ऊर्जा, वाहन, तेल एवं गैस, पूंजीगत सामान और स्वास्थ्य क्षेत्र के सूचकांकों में करीब तीन प्रतिशत तक की गिरावट नजर आयी।मोतीलाल ओसवाल की ओर से जारी रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में आगे भी गिरावट का दौर देखने को मिल सकता है। अमेरिका- ईरान के बीच फौजी संघर्ष के कारण निवेशक तेल अथवा सोने जैसी दूसरी संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।

छोटे निवेशकों को बरतनी होगी सावधानी:

बाजार की अस्थिरता को देखते हुए छोटे निवेशकों को बाजार पर विशेष निगाह रखनी चाहिए| ये कहना भी गलत न होगा कि छोटे निवेशकों को अभी बाजार में सावधानी से निवेश करना चाहिए। बड़े वित्तीय संस्थानों की नजर छोटे निवेशकों पर होती है।छोटे निवेशक अक्सर ही कंपनियों के लुभावने प्लान्स और बड़े रिटर्न के वादों का शिकार बन जाते हैं| बाजार की अस्थिरता को देखते हुए छोटे निवेशकों को इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए|

बिना योजना किया गया निवेश:

छोटे निवेशक अक्सर ही बिना किसी योजना के निवेश करने की गलती कर बैठते हैं|इसके पीछे का बड़ा कारण है निवेश की ज्यादा समझ न होना।ऐसे निवेशक बिना योजना के बड़े रिर्टन का इंतजार करने लगते हैं। नुकसान होने पर घबराकर निवेशित राशि  निकालकर खुद का और भी नुकसान कर लेते हैं। निवेश हमेशा निश्चित लक्ष्य एवं समय सीमा के साथ किया जाना चाहिए।

निवेश एवं बचत की समझ न होना:

छोटे निवेशक अक्सर बचत और निवेश के अंतर को नहीं समझ पाते| कई बार निवेशक दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन इन दोनों में बड़ा अंतर होता है। आजकल के दौर में बचत करना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है वहीं अगर हम अपनी पूंजी को बढ़ाना चाहते हैं तो हमें निवेश करना होगा। नियमित रूप से सेव करना और लंबे समय के लिए निवेश करना बेहद आवश्यक है।

बिना योजना समझे निवेश:

आपने ध्यान दिया होगा अक्सर ही वित्तीय उत्पादों के विज्ञापन में एक वाक्यांश दोहराया जाता है| investment’s are subject to market risk.read all the scheme related documents carefully. जिसका अर्थ है निवेश करने से पूर्व निवेश सम्बंधित कागज ध्यान से पढ़ें| किंतु व्यवहारिक जीवन में ऐसा होता नहीं|छोटे निवेशक निवेश करते समय बगैर पेपर पढ़े ही उस पर साइन कर देते हैं। जिससे उन्हें निवेश के संबंध में सभी बारिकियों का पता नहीं  चल पाता और वो मुसीबत का शिकार हो जाते हैं।

लालच को वरीयता : 

कई बार निवेशक ज्यादा रिटर्न के लालच में जोखिम की प्रवाह नहीं करते| निवेश का नियम भी कहता है मोर रिस्क, मोर प्रॉफिट। नो रिस्क, नो प्रॉफिट।अतः निवेशक लालच में गलती कर देते हैं| ध्यान रहे जोखिम लीजिये लेकिन अपनी स्थिति के आकलन के बाद| अन्यथा कम जोखिम एवं कम मुनाफा वाले भी अच्छे निवेश के विकल्प हैं|

एक सेक्टर में निवेश: 

नये या छोटे निवेशक अक्सर ही किसी सेक्टर की वर्तमान दशा को ध्यान में रखकर एक ही सेक्टर में सारा निवेश कर बैठते हैं| निवेशक ये गलती अधिक रिटर्न के लालच में करते हैं|किंतु ये सबसे बड़ी गलती होती है|अलग अलग जगह निवेश करने से निवेशक की पूँजी का जोखिम कम होता जाता है| इससे आपके निवेश की एवरेजिंग हो जाएगी।