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विदेशी बाजारों में भारतीय कॉटन की बढती मांग

भारत दुनिया का सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक देश है

विदेशी बाजारों में भारतीय कॉटन की मांग में जोरदार इजाफ़ा हुआ है| वैश्विक बाजार के मुकाबले सस्ता होने के कारण इसकी निर्यात मांग में बढ़ोत्तरी जारी है|चालू सीजन में भारत ने अब तक 20 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया है|जबकि अगले महीने छह से आठ लाख गांठ निर्यात होने की उम्मीद है।निर्यात में बढ़ोत्तरी से कॉटन उत्पादक किसानों को भी फसल का उचित मुल्य मिल रहा है|

भारत सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक:

बता दें भारत दुनिया का सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक देश है|जबकि चीन दुनिया का प्रमुख कॉटन आयातक है।चीन में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण कॉटन बाजार पर असर पड़ने की जो संभावना दिख रही थी वह फिलहाल छटती नजर आ रही है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन कॉटन में तेजी का रुख देखने को मिला।ऐसे में भारतीय कॉटन के दाम में आने वाले दिनों में तेजी की उम्मीद की जा रही है।भारत ने अब तक चीन को चार लाख गांठ कॉटन निर्यात किया है और फरवरी में पांच लाख गांठ होने की उम्मीद है।

कोरोना के प्रकोप से प्रभावित हो सकता है बाजार:

देश में इस साल कॉटन की बंपर पैदावार है और जानकारों का मानना है कि किसानों को उनकी फसलों बेहतर दाम तभी मिल पाएगा जब निर्यात मांग बनी रहेगी।उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल गणत्रा का कहना है कि आने वाले दिनों में घरेलू कॉटन का बाजार निर्यात मांग पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप से फिलहाल कॉटन बाजार पर कोई खास असर नहीं है, लेकिन अगर इसका प्रकोप लंबे समय तक बना रहा तो भारत से कॉटन निर्यात पर असर पड़ेगा।

सस्ता होने से बढ़ी मांग:

गणत्रा ने बताया कि चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक तकरीबन 20 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन का निर्यात हो चुका है, जिनमें से 12 लाख गांठ बांग्लादेश को और चार लाख गांठ चीन को निर्यात हुआ है। बाकी चार लाख गांठ वियतनाम और कुछ अन्य देशों को हुआ है। उन्होंने बताया कि “फरवरी में कॉटन निर्यात के करीब 10 लाख गांठ होने की उम्मीद है, जिनमें से पांच लाख गांठ चीन को जा सकता है, जबकि तीन लाख गांठ बांग्लादेश को निर्यात होगा। इसके अलावा,एक लाख गांठ इंडोनेशिया और एक लाख गांठ वियतनाम को निर्यात होने की उम्मीद है।”

सस्ता होने से बढ़ा निर्यात:

अतुल के  अनुसार दुनिया में भारत का कॉटन इस समय सबसे सस्ता होने के कारण इसकी निर्यात मांग बनी रह सकती है। गणत्रा के अनुसार, भारत में कॉटन का औसत भाव जहां 40,000 रुपये प्रति कैंडी (356 किलो) है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव करीब 45,000 रुपये प्रति कैंडी है।