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बजट 2020 कच्चे माल पर शुल्क मे कटौती की मांग: स्टील उद्योग

कच्चे माल के शुल्क मे कटौती की चाहता

वित्त वर्ष 2020-2021 का बजट एक फरवरी को पेश होने जा रहा है। इस बजट मे स्टील उद्योग कच्चे माल के शुल्क मे कटौती चाहता है। कच्चा माल जैसे कोकिंग कोयला, पेट कोक, चूना पत्थर और डोलोमाइट आदि। उद्योग मंडल ने स्टील कारोबार मे कच्चे माल को लेकर अपनी बजट प्रस्ताव मे सरकार से मांग की है।

उद्योग मंडल का कहना है कि पत्थर वाले कोयले, कोकिंग कोयला, कोक, चुना पत्थर और डोलोमाइट बहुत बेहतरीन कच्चा माल है स्टील उद्योग के लिए। इस उच्च गुणवत्ता के कच्चे माल की देश मे तेजी से कमी आ रही है। इसके कारण स्टील उद्योग को कच्चे माल का आयत करना पड़ता है। जिसके चलते स्टील की बनी वस्तुओं के दाम भी महंगे होते हैं।

कच्चे माल पर बढ़ा शुल्क

फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry / FICCI)  भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ ने कहा की कच्एंचे माल पर  कस्टम ड्यूटी की दर को भी खत्म कर देना चाहिए। जरूरत से ज्यादा कच्चे माल पे हमेशा रियाती शुल्क लगता है। अधिक महत्वपूर्ण कच्चे माल मे थ्रेसाइट कोयला, मेट कोक आदि, थ्रेसाइट कोयले 2.5 प्परतिशत शुल्रक लगता है, मेट कोक पर भी अच्छा ख़ासा शुल्क लगता है।

लेकिन इसपर सीमा शुल्क ढाई से बढाकर पांच प्रतिशत 1 मार्च 2015 को कर दिया था। इसके अलावा 25 नवंबर, 2016 से इसके आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क भी लागू है।  ऐसे में मेट कोक की लागत काफी बढ़ गई है।फिक्की ने स्टील ग्रेड के चूना पत्थर और डोलोमाइट पर भी सीमा शुल्क को समाप्त करने का सुझाव दिया है. फिक्की का कहना है कि स्टील के उत्पादन में बढ़ोतरी से स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस) और ब्लास्ट फर्नेस ग्रेड के चूना पत्थर की मांग बढ़ी है.