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सोनभद्र ने जगाई सुनहरी आस

3000 टन से ज्यादा सोने का भंडार

प्राचीन दंतकथाओं में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है|इस लोकोक्ति का प्रमुख निष्कर्ष भारत की सम्पन्नता से लगाया जाता है|वर्तमान परिस्थितियों की अगर बात करें तो भारत विश्व के सर्वप्रमुख सोने के आयातक देशों में शामिल है|आंकड़ों की अगर बात करें तो साल 2019 में भारत ने  800 से 900 टन सोना आयात किया था|जिसका कुल मुल्य 33 अरब डालर था| भारत में सोने के आयात का प्रमुख कारण है सोने को शुभ मानना|भारतीय परम्परा में सोना खरीदने के विशेष पर्व निर्धारित हैं| इस अनुसार देखें उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद ने भारतीय अर्थव्यवस्था को सुनहरी आस से रूबरू कराया है|

सोनभद्र के ग्रामीण इलाकों में मिला सोना:

उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित जनपदों में शामिल सोनभद्र अब सोने की कहां को लेकर चर्चा में आ गया है|भूवैज्ञानिकों ने सोनभद्र में 3,350 टन सोने की खान मिलने की पुष्टि की है|ये कहां विन्ध्य पर्वत माला कि पहाड़ियों में पाए गये|सोने की खान सोनभद्र जनपद के ग्रामीण इलाकों में है|भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की अगर माने तो सोनपहाडी में करीब 2700 टन जबकि हर्दी गाँव स्थित पहाड़ी में ६५० टन सोना निकले की संभावना है|

अब होगी ये प्रक्रिया:

खनन की रिपोर्ट के अनुसार जमीन से महज 18 किमी की गहराई में सोने का भंडार है। सोने की ये बड़ी चट्टान  करीब 1 किलोमीटर से ज्यादा लंबी और 18 मीटर गहरी है। जबकि चट्टान की चौड़ाई 15.15 मीटर के करीब है। ये रिपोर्ट मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अग्रिम प्रक्रियाओं में जुट गयी है|ई-टेंडरिंग के माध्यम से ब्लॉकों की नीलामी के लिए शासन ने सात सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है।यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी और 22 फरवरी, 2020 तक अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंप देगी।

खनिज संपदा से संभावना जगाता है सोनभद्र:

विलक्ष्ण भौगोलिक परिस्थितियों से युक्त सोनभद्र शुरू से ही खनिज भंडार के रूप में जाना पहचाना जाता रहा है|सोनभद्र में सोने के आलावा कोयला का खनन वर्तमान में भी होता है|दुनिया के सबसे बड़े बांधों में एक रिहंद बाँध भी सोनभद्र में ही है|इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध प्राचीन जीवाश्म केंद्र सलखन भी इसी जनपद का हिस्सा है|