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स्टील बाजार पर 3 साल रहेगा कोरोना वायरस का प्रभाव

आयात घटाकर शून्य करने पर जोर दिया

चीन में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के प्रकोप का असर दुनियाभर के स्टील बाजार पर अगले दो से तीन साल तक रहेगा। इस संक्रमण से चीन में स्टील के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा। भारत की स्टील कंपनियों को चीन में स्टील के उत्पादन में आने वाली गिरावट का फायदा उठाना चाहिए। ये बातें केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कही| वे नयी दिल्ली में  एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे|

रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में स्टील का इस्तेमाल:

इससे पहले, भारतीय उद्योग परिसंध (सीआईआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘इंडियन स्टील : फोस्टरिंग स्टील यूसीज इन रेलवेज एंड डिफेंस सेक्टर्स’ को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में स्टील का इस्तेमाल बढ़ाने के रणनीतिक आशय के साथ-साथ इसके बड़े आर्थिक व सामाजिक पहलू हैं। उन्होंने कहा कि भारत की इस्पात कंपनियों को चीन में स्टील के उत्पादन में आने वाली गिरावट का फायदा उठाना चाहिए।

आयात घटाकर शून्य करने पर जोर दिया:

इस्पात उद्योग और रेलवे व रक्षा क्षेत्रों के बीच सेतु के तौर पर इस्पात मंत्रालय की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्पात उद्योग के साथ एक कार्ययोजना बनाने के लिए इन क्षेत्रों की लंबी अवधि की जरूरतों को लेकर एक रणनीतिक पत्र की आवश्यकता बताई।उन्होंने रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में आयात घटाकर शून्य करने पर जोर दिया।इस अवसर पर इस्पात मंत्री ने कहा कि  स्वदेशी उपयोग को बढ़ावा देने के मकसद से घरेलू उद्योग को उद्योग की जरूरतों के मुताबिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

कोरोना वायरस वैश्विक समस्या:

केंद्रीय इस्पात मंत्री के बयान के अलावा  IMF  की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना वायरस से फैली महामारी वैश्विक आर्थिक वृद्धि को नुकसान पहुंचा सकती है|इससे ग्लोबल जीडीपी की ग्रोथ रेट में 0.1 से 0.2 फीसदी तक की कमी आ सकती है|वैश्विक अर्थव्यवस्था की बदहाली का प्रभाव भारत पर भी पड़ना तय है|