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स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – Swarnajayanti Gram Swarozgar Yojana

ग्रामीण इलाकों और गरीबों को अच्छा प्रशिक्षण देना है।

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – (Swarnajayanti Gram Swarozgar Yojana): भारत सरकार ने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना की शुरुआत अप्रैल 1999 में शुरू की गई थी। इस योजना को शुरू करने का उदेश्य गरीबी रेखा से निचे लोगों को रोजगार देना उनको सक्षम और समर्द्ध बनाना है। सरकार का उदेश्य है गरीबी रेखा से निचे आने वाले लोगों को अच्छा प्रशिक्षण दिया जाएगा आमदनी बढाने के तरीके बताएं जायेंगे ताकि ये लोग भी अपने आप को मजबूत बना सकें आमदनी बढ़ा के अपने जीवन को सुधार सकें। इन लोगों को कम से कम ब्याज पर बैंकों से लोन दिया जाएगा और जरूरतमंद चीज सब्सिडी पर मुहैया कराई जायेंगी।

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना शुरू करने का सरकार का यही उदेश्य है। गरीब और ग्रामीण इलाकों की उन्नति की जाए। गरीबों को पोषण युक्त आहार दिए जाए। गरीबी रेखा से निचे आने वाले लोगों को बिना ब्याज के भी बैंकों से लोन देने की प्रक्रिया है। ग्रामीण इलाकों और गरीबों को अच्छा प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण की जो भी लागत होगी वो सरकार देगी।

इस योजना के तहत दी जाती है 30 प्रतिशत की दर से सब्सिडी

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत सरकार चाहती है कि ग्रामीण इलाकों का निरंतर उद्धार किया जाना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में कमाई के नए- नए रोजगार मुहैया कराएं जाए। ग्रामीण इलाकों में भूमि तथा खेतों की किस्मो पर ध्यान दिया जाता है। लोगों की आय बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा स्त्रोत बनाए जाते हैं। ताकि गरीबी रेखा से निचे आने वाले और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवनस्तर सुधर जाए।

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत 30 प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाती है।  ज्यादा से ज्यादा 7,500 रूपये का प्रावधान है।  अनुसूचित जातियों और विकलांगों के लिए इसकी सीमा 50 प्रतिशत रखी गई है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।

40 प्रतिशत महिलाओं को शामिल करने का है प्रावधान

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान है। अकेली महिलाओं को 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना में 40 प्रतिशत महिलायें और 3 प्रतिशत विकलांगों को शामिल करना जरूरी रखा गया है। इस योजना के तहत हर दर्जे को अलग-अलग तरीके से ब्याज दिया जाता है।

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत अब तक 22.52 लाख स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत की जा चुकी है।  ख़ास बात ये है इसमें 66.97 लाख लोग स्वरोजगारी हैं।  इस समूहों में ज्यादा स्वरोजगारी हैं जो खुद का काम करने वाले हैं।  सरकार ने इन लोगों की अब तक 14,403.७३ करोड़ रूपये का निवेश करने की सहयता प्रदान की है। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में करीब 50 प्रतिशत महिलायें और अनुसूचित जातियां हैं। 1,200 करोड़ रूपये का प्रावधान दिया था सहयता के लिए सरकार ने साल 2006 -7 में चलाई थी।

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