Arthgyani
होम > न्यूज > प्रोत्साहन पैकेज

1.5 लाख करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज सीधे जनता के खातो में होगा ट्रान्सफर

सरकार का कोरोना संकट से पीड़ित जनता के लिए खास प्रोत्साहन ।

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट से निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को दूर करने के लिए सरकार तैयार है। केंद्र सरकार कोरोना से जूझ रहे जनता को प्रोत्साहन हेतु 1.5 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है।

समाचार एजेंसी से प्राप्त ख़बरों के अनुसार सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अभी पैकेज को अंतिम रूप नहीं दिया है और इसपर केंद्र सरकार, वित्त मंत्रालय तथा भारतीय रिजर्व बैंक के बीच वार्ता जारी है। विदित हो की इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही एक पैकेज की घोषणा करेगी।

सप्ताह के अंत तक होगी घोषणा

प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा इस सप्ताह के अंत तक की जा सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रोत्साहन पैकेज 2.3 लाख करोड़ रुपये तक का हो सकता है, हालांकि अंतिम आंकड़े अभी अनिर्णित है। उन्होंने कहा कि इन पैसों का इस्तेमाल 10 करोड़ जनता के अकाउंट में पैसे सीधे ट्रांसफर करने और लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए बिजनस की मदद करने के लिए किया जा सकता है।

कर्ज  में हो सकता है इजाफा 

सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए 7.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बनाई है परन्तु वर्तमान परिस्थितियों में सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्ज में इजाफा कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय बैंक से सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए कहा गया था, हालांकि महंगाई बढ़ने के डर से पिछले एक दशक से आरबीआई ने ऐसा नहीं किया है। अधिकारी ने कहा, ‘आरबीआई को दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही बॉन्ड खरीदना पड़ेगा।

RBI देगा विशेष सुविधा

संभवतया अगर नकदी की किल्लत हुई तो केंद्र सरकार RBI की वेज-ऐंड-मिंस सुविधा का भी इस्तेमाल कर सकती है, जो केंद्रीय बैंक द्वारा राज्यों को दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी है। वित्त मंत्रालय ने हालांकि इस योजना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और आरबीआई ने भी रॉयटर्स के ई-मेल का जवाब नहीं दिया है।

भारत अपने महत्वाकांक्षी प्रयास में जुटा

गौरतलब है कि बुधवार को केंद्र सरकार की अगले 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश की 130 करोड़ आबादी अपने घर से नहीं निकल पाएगी। यह फैसला जनता के स्वास्थय रक्षा को सर्वोपरि मानते हुए किया गया है जो इस घडी में कोरोना वायरस के संकट से मुकाबले के लिए यह दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी प्रयास है जिसमे भारत जुटा है।