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1,038 करोड़ रूपये का कालाधन भेजा गया हांगकांग

लाखों की आय में करोड़ों का खेल

कालेधन के विरुद्ध जारी संघर्ष में मोदी सरकार को मिली है उल्लेखनीय सफलता|सीबीआई की विशेष टीम ने जांच के दौरान 1,038 करोड़ रूपये का कालाधन विदेश भेजने की बात का खुलासा किया है|ये कालाधन वर्ष 2014-15 में हांगकांग भेजा गया था|सीबीआई ने इस पूरे मामले 51 इकाइयों को नामजद किया है। जिनमें 48 कंपनियां और तीन व्यक्ति शामिल हैं। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह पैसा तीन सरकारी बैंकों के खातों से 2014 से 2015 के बीच भेजा गया।

बैंकों की मिलीभगत:

नीरव मोदी प्रकरण के बाद एक बार फिर से इस नये खुलासे के तार बैंक अधिकारीयों से जुड़े हैं| सीबीआई के अनुसार इन सभी के खिलाफ तीन जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई।इनमे से जिन 48 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें से ज्यादातर के मालिक चेन्नई के रहने वाले हैं।इन सभी आरोपियों ने तीन सरकारी बैंकों- बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत से 1,038 करोड़ रुपए का बेहिसाबी कालाधन हांगकांग भेजा।विदित हो कि इस सन्दर्भ में  सीबीआई को सूचना मिली थी कि 51 इकाइयों में से 48 के चालू खाते 1,038.34 करोड़ रुपए की राशि बाहर भेजने के लिए ही इन बैंकों की चार शाखाओं में खोले गए थे।

लाखों की आय में करोड़ों का खेल:

इस पूरे मामले में जो सबसे चौंकाने वाली बात थी वो थी लाखों की आय वालों ने करोड़ों की रकम का ब्यौरा प्रस्तुत किया था| सीबीआई ने जांच में पाया कि इनका कंपनियों का  कुल कारोबार लाखों रुपये में है, जबकि भेजी गयी रकम(कालाधन) करोड़ों में है।इस पूरे मामले में भेजी गयी रकम के बदले शामिल बैंक अधिकारियों सहित अन्य लोगों को घूस के तौर पर नकद कमीशन दिए जाने का संदेह भी है|सीबीआई संदिग्ध बैंक अधिकारियों की भी जांच कर रही है।

आयात के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा:

आरोपियों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए नामजद कंपनियों के नाम पर तीन सरकारी बैंकों की चार स्थानीय शाखाओं में 51 चालू खाते खोल गए। जिनके 24 खातों से 488.39 करोड़ रुपये की राशि डॉलर में भेजी गई।भेजा गया कालाधन सामान के आयात के बदले एडवांस के तौर दर्शाया गया था,जो कि आयातित सामान की कीमत से मेल नहीं खाता पाया गया|इसके अलावा 27 खातों के जरिये भारतीय पर्यटकों की विदेश यात्रा के नाम पर 549.95 करोड़ रुपये भेजे गए। सीबीआई ने अपनी जाँच में पाया कि रकम भेजने का सारा आधार फर्जी था।

ये हैं आरोपी:

विदित हो कि सीबीआई ने प्राथमिकी में 48 कंपनियों और तीन व्यक्तियों-मोहम्मद इब्राम्सा जॉनी, जिंटा मिढार और निजामुद्दीन को नामजद किया है। आरोपियों ने बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई और पीएनबी के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ कर 2014-15 के बीच 1038.34 करोड़ रुपये का कालाधन विदेश भेजा था।सीबीआई अज्ञात बैंक अधिकारीयों की भी तलाश कर रही है|