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भारत दुनिया में निवेश का बड़ा ठिकाना है : अंशु प्रकाश

2020 मार्च/ अप्रेल में स्पेक्ट्रम नीलामी संभावित

दूरसंचार क्षेत्र के ठिकाने (निवेश) के तौर पर भारत शीर्ष श्रेणी में है|भारत के दूरसंचार क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र (टेलीकॉम) की कंपनियां स्पेक्ट्रम नीलामी का लाभ उठा सकती है|ये बातें दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहीं|वे आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में भारत में दूरसंचार की संभावनाओं पर बात कर रहे थे |

2020 मार्च/ अप्रेल में स्पेक्ट्रम नीलामी संभावित:

विदित हो कि डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन (डीडीसी) ने शुक्रवार को बताया कि ट्राई ने पहली बार 5.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 5जी स्पेक्ट्रम समेत स्पेक्ट्रम की नीलामी मूल्य के आधार पर करने की सिफारिश की है| दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी पर जवाब देते हुए अंशु ने कहा कि, “डीडीसी ने ट्राई की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है और हम 8305 मेगाहट्र्ज की नीलामी करने जा रहे हैं| हमें उम्मीद है कि अगले साल मार्च या अप्रैल में यह नीलामी होगी| हमने नीलामी के लिए पहले सही निविदा जारी कर दी है| अगले साल जनवरी में बोली आमंत्रित की जायेगी|

मुश्किल में है दूरसंचार उद्योग:

आर्थिक सुस्ती और बढ़ते घाटे से दूरसंचार उद्योग बेहाल है|विदित हो कि वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल दोनों कंपनियों को वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में बड़े घाटे से जूझ रही हैं|विगत तिमाही के आंकड़ों के अनुसार वोडाफोन आइडिया को 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ तो भारती एयरटेल को 23,045 करोड़ का घाटा हुआ है|काबिलेगौर है कि दूरसंचार सचिव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन के. एम. बिरला ने भी नवंबर में कहा कि पर्याप्त राहत के बगैर टेलीकॉम कंपनी को कारोबार बंद करना पड़ेगा|

केंद्रीय मंत्रियों ने ये कहा:

दूरसंचार उद्योग के संकट को इस बात से समझा जा सकता है कि देश की प्रमुख टेलीकाम कम्पनियों में शुमार वोडाफोन ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में राहत नहीं मिलने पर वह भारत को अलविदा करने जैसी बड़ी बड़ी बात कही थी|इस मसले पर स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि,सरकार दूरसंचार के क्षेत्र में एकाधिकार नहीं चाहती है|जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि भारत में किसी दूरसंचार कंपनी को अपना कारोबार बंद करना पड़े|