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बजट 2020 : GST में संभावित बदलाव

क्या बजट 2020 में होगा GST दरों में बदलाव?

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे कई अप्रत्यक्ष करों के समन्वय से बनाया गया है| यह विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर विभिन्न दर से लगाया जाता है| इसके आने से पूर्व भारत में केन्द्र और राज्य सरकारें कई तरह के टैक्स लगाती थी, लेकिन अब इन सभी करों की जगह एक ही टैक्स GST ने ले ली है| वैट, एंट्री टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, लग्ज़री टैक्स, विज्ञापन पर टैक्स, राज्य के टैक्स और सेस आदि सभी GST में शामिल कर दिए गए हैं केवल पेट्रोलियम और आबकारी टैक्स को इससे बाहर रखा गया है| भारत में GST 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था|

क्या बजट 2020 में होगा GST दरों में बदलाव?

इस वित्तीय वर्ष में अगर किसी टैक्स को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई तो वह है GST! इस टैक्स से जुड़े बहुत सी सरकारी संस्थाओँ और वित्त मंत्री ने बहुत सारी बैठकें की, GST दरों के बदलाव के बारे में कई बातें हुई, कई सुझाव आएं, मगर फिलहाल सभी बैठकों के नतीजों से ज्यादा कुछ निकल कर नहीं आया| ऐसा लग रहा है जैसे सभी बैठकों में हुए चर्चाओं को बजट 2020 तक निर्णय लेने के लिए टाल दिया गया हो|

GST दरों की संख्या को चार से घटाकर दो श्रेणियां करने पर हो रहा है विचार!

ज्ञात हो कि भारत में फिलहाल GST की 5 से लेकर 28 फीसदी तक की चार दरें हैं| ये चार दरें हैं- 5%, 12%,18% और 28%| इन चार दरों को दो दरों तक सीमित करने के बारें में बहुत गंभीरता से विचार किया जा रहा है| इसी सन्दर्भ में एक सलाह नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य प्रो. रमेश चंद की तरफ से आई थी, जिसमें उन्होंने GST दरों को 4 से घटाकर सिर्फ 2 करने की सलाह दी थी| उन्होंने दरों में होने वाले बारम्बार के परिवर्तन पर भी रोक लगाने की बात की थी और कहा था कि दरों में बार-बार के परिवर्तन के बजाए साल में एक बार किया जाए|

प्रो. रमेश चंद की तरह ही कुछ ऐसे ही सुझाव ‘कमेटी ऑफ ऑफिसर्स’ की तरफ से भी आए थे| विदित हो कि ‘कमेटी ऑफ ऑफिसर्स’ का गठन सरकार ने ही GST दरों पर समीक्षा के लिए अक्टूबर 2019 में किया था|

अपनी रिपोर्ट में ‘कमेटी ऑफ ऑफिसर्स’ ने सरकार को ये सभी सुझाव दिए:

  1. सेस दरों को महंगाई दरों से जोड़ा जाए|
  2. सेस की मौजूदा दरों में बढ़ोतरी संभव|
  3. वाटर पंप, मेडिकल उपकरण पर ड्यूटी बढ़ाई जाए|
  4. कुल 23 आइटम पर GST बढ़ाने की सिफारिश|
  5. इनवर्टर, एग्री मशीन, LED लाइट पर ड्यूटी बढ़े|
  6. ट्रैक्टर, फैब्रिक, फार्मा पर ड्यूटी बढ़ाने की सिफारिश|
  7. कीमती मेटल्स जैसे सोना और चांदी पर GST दरें 3% से बढ़कर 5% हो|
  8. मोबाइल पर GST 12% से बढ़कर 18% किया जाए|
  9. लग्जरी आइटम पर स्पेशल रेट होना चाहिए|
  10. 10% और 20% के 2 अलग-अलग रेट वाले GST लगाया जाए|
  11. फर्टिलाइजर, फुटवियर पर ड्यूटी बढ़ाई जाए|
  12. 12% वाले कई आइटम पर GST बढ़ाकर 18% की जाए|
  13. 5% वाले कई आइटम पर GST बढ़ाकर 12% की जाए|
  14. कंपोजिशन स्कीम में कारोबार की समीक्षा होनी चाहिए|
  15. मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपोजिशन रेट बढ़ने चाहिए|
  16. कॉस्मेटिक और गेंबलिंग जैसे आइटम पर सेस लगे|
  17. GST चोरी से बचने के लिए कई आइटम पर उत्पादन क्षमता के आधार पर दरें तय की जाएं|

5% GST वाले 260 उत्पादों पर हो सकती है समीक्षा 

सूत्रों के मुताबिक GST में लक्ष्य से कम वसूली को देखते हुए सरकार कई उत्पादों को छूट के दायरे से हटाकर GST के दायरे में ला सकती है| मौजूदा समय में 150 उत्पाद GST दायरे से बाहर हैं| इनमें से कुछ को GST के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है| वतर्मान समय में सबसे निचली दर 5 फीसदी की श्रेणी में 260 से ज्यादा उत्पाद हैं| सूत्रों के मुताबिक इस बजट 2020 में 5% GST वाले कुछ उत्पादों को 12% वाले श्रेणी में डाले जाने के बारे में भी फैसला हो सकता है|

उपरोक्त सारी बातों से एक बात तो जरुर पता चलती है कि सरकार इस बार GST में बदलाव के सन्दर्भ में कोई न कोई निर्णय जरुर लेने जा रही है| यह बदलाव या तो दरों में परिवर्तन के बारे में हो या वस्तुओं के श्रेणियों में परिवर्तन के सन्दर्भ में, सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष के समाप्ति से पूर्व तमाम बैठकें और प्रयास परिवर्तन की ओर संकेत दे रहे हैं| ज्ञात हो कि सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी सरकार का GST कलेक्शन लक्ष्य से काफी पीछे है, तो सरकार GST के कलेक्शन बढाने के लिए बजट 2020 में कुछ नीतिगत परिवर्तन के बारे में भी निर्णय ले सकती है| तो बस 1 फरवरी 2020 का इंतज़ार करें जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2020 पेश करेंगी|