भारतीय परिवहन विभाग व परिवहन मंत्रालय: बजट 2020
बजट 2020 परिवहन योजना, विकास और राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव |
परिवहन विभाग भारत सरकार का एक मंत्रालय है। यह, नियमों, विनियमों और सड़क परिवहन से संबंधित कानूनों, राष्ट्रीय राजमार्गों और परिवहन अनुसंधान के निर्माण और प्रशासन के लिए शीर्ष निकाय है। सड़क परिवहन देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। यह गति, संरचना और विकास के प्रतिरूप को प्रभावित करती है। भारत में कुल माल का 60 प्रतिशत और यात्री यातायात के 85 प्रतिशत, सड़कों पर ले जाया जाता है। इसलिए, इस क्षेत्र का विकास भारत के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और बजट में एक महत्वपूर्ण भाग बनाता है। मई 2014 से नितिन गडकरी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री है
भारत सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सड़क परिवहन और परिवहन अनुसंधान संबंधी नीतियों को बनाती और प्रबंधित करती है। मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के निर्माण और रखरखाव में भी शामिल है। वह सड़क परिवहन से जुड़े मामलों, जैसे प्रमुख केंद्रीय कानून, मोटर वाहन एक्ट, 1988 का कार्यान्वयन, के संबंध में भी कार्य करता है।
सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से चरण 1 में 35,000 किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी।
एनएचएआई: केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और उनके रखरखाव के लिए जिम्मेदार है और एनएचएआई के जरिए इन कार्यों को करती है। राष्ट्रीय राजमार्ग कुल सड़क नेटवर्क का 2% हैं, लेकिन कुल सड़क यातायात का 40% भार उठाते हैं।एनएचएआई के व्यय में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्रॉजेक्ट (एनएचडीपी) के अंतर्गत आने वाले प्रॉजेक्ट्स का वित्त पोषण शामिल है। एनएचडीपी के अंतर्गत आने वाले प्रॉजेक्ट्स में निम्नलिखित शामिल हैं : (i) स्वर्ण चतुर्भुज (गोल्डन क्वाड्रिलेटरल), (ii) उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर, और (iii) चरण III के अंतर्गत आने वाले 12,109 किलोमीटर राजमार्ग की फोर-लेनिंग।2018-19 के लिए एनएचएआई को 29,663 करोड़ रुपए आबंटित किए गए जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों (23,892 करोड़ रुपए) से 24% अधिक है।2इस राशि में 20,093 करोड़ रुपए (68%) केंद्रीय सड़क फंड (सीआरएफ) को प्रदान किए जाएंगे और शेष 9,570 करोड़ रुपए (35%) परमानेंट ब्रिज फीस फंड (पीबीएफएफ) को दिए जाएंगे।
बजट 2020
बीते वर्ष मे बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतमाला के दूसरे चरण में राज्यों को राज्यस्तरीय सड़कों के विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राष्ट्रीय गैस ग्रिड, जल ग्रिड, सूचना- मार्ग और हवाईअड्डों के विकास के लिए खाका तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चार सालों में गंगा में माल परिवहन में चार गुने वृद्धि होगी।
सीतारमण ने कहा कि भारतमाला, सागरमाला और उड़ान जैसी योजनाएं ग्रामीण-शहरी क्षेत्र के बीच के अंतर को पाटने का काम कर रही हैं और परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही हैं। भारतमाला परियोजना से राज्यों को रोडवेज विकसित करने में मदद मिलेगी। देश में 657 किलोमीटर मेट्रो रेल नेटवर्क परिचालन में आ गया है और 300 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दी गई है और इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेष छूट भी दी गई है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 80,250 करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-चरण तीन के तहत 80,250 करोड़ रुपये की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क को उन्नत बनाया जाएगा। सरकार नैशनल हाइवे प्रोग्राम को पुर्नगठित करेगी ताकि नैशनल हाइवे ग्रिड को उसकी क्षमता के मुताबिक बनाया जा सके। अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पहले ही एक अप्रैल को 10,000 करोड़ रुपये की फेम-दो योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत उचित प्रोत्साहनों और चार्जिंग ढांचा उपलब्ध कराकर बिजलीचालित वाहनों (ईवी) का चलन तेजी से बढ़ाया जा सकेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम का व्यापक पुनर्गठन
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 3 ट्रिलियन अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यही नहीं आने वाले कुछ वर्षों में यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। बजट भाषण में निर्मला सीतारमण का पूरा जोर भारत आधारभूत ढांचे के विकास और जॉब पैदा करने पर रहा। सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम का वृहद पुनर्गठन किया जाएगा। इससे एक वांछित क्षमता के राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड का सृजन सुनिश्चित हो सकेगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारे, समर्पित भाड़ा गलियारे और भारतमाला परियोजना के तहत सड़कों को दुरुस्त किया गया है।