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रिजर्व बैंक की छठी मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक हुई सम्पन्न

रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।

आज रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक संपन्न हुई जिसके नतीजे सामने आ गए हैं।  रेपो दर को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे थे परन्तु अब इन सब पर प्रश्न चिन्ह ख़त्म हुए। घोषणा हो गयी है कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा है।  विदित हो कि चालू वित्त वर्ष के लगातार दूसरी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा गया है।

समाचार एजेंसी से प्राप्त ख़बरों के अनुसार बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि नीतिगत रुख को उदार बनाये रखने का पूरा प्रयास किया जायेगा।

मौद्रिक नीति समीक्षा के विशेष सन्दर्भ

  • चालू वित्त वर्ष के छ्ठी और आखिरी मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक संपन्न हुई।
  • समीक्षा बैठक में रेपो दर को लगातार दूसरी बार 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
  • RBI – निकट भविष्य में मुद्रास्फीति की दर उच्च बने रहने की पूरी संभावना है।
  • RBI –  वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की रफ्तार आगे।
  • RBI – नीतिगत रुख को उदार बनाये रखने का पूरा प्रयास किया जायेगा।
  • RBI – 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में छह प्रतिशत तक सुधार संभव है।

RBI ने कहा निकट भविष्य में मुद्रास्फीति की दर उच्च बने रहने की पूरी संभावना है और मुद्रास्फीति की परिचालन अनिश्चित है। इसी के मद्देनज़र मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का फैसला लिया। विदित हो कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी।

रिजर्व बैंक ने 2019- 20 में आर्थिक वृद्धि दर के पांच प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बनाये रखा। RBI ने कहा कि 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में  छह प्रतिशत तक सुधार की संभावना बन रही है। उसने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर अभी भी अपनी संभावित क्षमता से कम है। उसने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां नरम बनी हुई हैं। हालाँकि कुछ चुनिन्दा इकाइयों में कुछ सुधार दर्ज़ हुए है फिर भी व्यापक स्तर पर इनमें भी अभी तेजी आनी बाक़ी है। वृद्धि दर की तुलना में मुद्रास्फीति की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति को लगता है कि स्थिति को यथावत रखा जाना चाहिये।’’