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रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम मौद्रिक नीति की ख़ास बातें

छठी व अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की मुख्य बातें

बजट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से आस लगाए मिडिल क्लास को केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को जोर का झटका दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट 5.15 प्रतिशत के स्तर पर ही बनाए रखने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने यह कदम अनिश्चित वैश्विक माहौल और घरेलू बाजार में मुद्रास्फीति तेज होने तथा बजट में राजकोषीय घाटे का अनुमान बढ़ाए जाने को लेकर उठाया है।

 वित्त वर्ष 2019-20 की छठी व अंतिम मौद्रिक नीति

रेपो दर 5.15 प्रतिशत पर बरकरार। रिजर्व बैंक भुगतान के डिजिटलीरण के पैमाने को जानने के लिए जुलाई 2020 से समय-समय पर डिजिटल भुगतान सूचकांक जारी करेगा।  आर्थिक वृद्धि दर को मदद देने के लिए मौद्रिक रुख उदार, निकट भविष्य में मुद्रास्फीति ऊंची बने रहने का अनुमान।  डिजिटल भुगतान के लिए स्व-नियमन संगठन की रूपरेखा होगी जारी।

परिचालन शुरू होने में देरी के मामलों में परियोजना ऋण की शुरुआत की समयसीमा एक साल तक बढ़ाने को मंजूरी। बजट में व्यक्तिगत आयकर को तार्किक बनाए जाने से घरेलू मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद। छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर में समायोजन की जरूरत पर बल। मझोले उपक्रमों को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दरें एक अप्रैल से बाहरी मानक दर से जोड़ दी जाएगी।

रिजर्व बैंक की वित्त वर्ष की मुख्य बातें

जीएसटी में पंजीकृत एमएसएमई के कर्ज पुनर्गठन की समय-सीमा को मार्च 2020 से बढ़ाकर दिसंबर 2020 किया गया। आवास वित्त कंपनियों के लिए जारी होंगे संशोधित दिशा-निर्देश। 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान। सब्जियों व दालों के कारण सकल खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान। जनवरी-मार्च तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़कर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान।

अखिल भारतीय चेक ट्रंकेशन प्रणाली सितंबर से हो जाएगी शुरू। व्यावसायिक रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रवर्तकों के नियंत्रण से बाहर के कारणों की वजह से वाणिज्यिक। करॉना वायरस फैलने से पर्यटकों के आगमन और वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका। कच्चा तेल की कीमतों में उथल-पुथल बने रहने का अनुमान। चार फरवरी 2020 तक विदेशी मुद्रा भंडार 471.4 अरब डॉलर।

एक झलक:

  • अप्रैल-नवंबर 2019 के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश साल भर पहले के 21.2 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 24.4 अरब डॉलर हुआ।
  • वर्ष 2019-20 में चार फरवरी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने किया 8.6 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश, सालभर पहले की समान अवधि में 14.2 अरब डॉलर की शुद्ध निकासी।
  • मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत दर यथावत रखने का लिया पक्ष।
  • मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 31 मार्च, एक अप्रैल और तीन अप्रैल 2020 को होगी।
  • आयकर को तार्किक बनाए जाने से घरेलू मांग को समर्थन मिलने की उम्मीद।
  • छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर में समायोजन की जरूरत पर बल।
  • मझोले उपक्रमों को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दरें एक अप्रैल से बाहरी मानक दर से जोड़ दी जाएगी।