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अनिल अंबानी दिवालिया होने के कगार पे! कोर्ट ने मांगे 714 करोड़ रूपए

अनिल अंबानी ने अपने निजी गारंटी पर तीन चीनी बैंकों से वर्ष 2012 में लिया था 6475 करोड़ रुपए का कर्ज

अनिल अंबानी के ऊपर से मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं|एक ख़त्म होती नहीं है की दूसरी सर आन पड़ती है| मुसीबतों की ताज़ा श्रृंखला में ब्रिटेन की एक अदालत ने उन्हें 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 715 करोड़ रुपए जमा करवाने का निर्देश दिया है, हालांकि इसके लिए कोर्ट ने उन्हें 6 हफ़्तों का समय दिया है| लन्दन कोर्ट ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के कंगाल होने के तर्कों को भी खारिज कर दिया| हालांकि रिलायंस ग्रुप ने संकेत दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा|

इन तीनों बैंकों से लिया था कर्ज

ज्ञात हो कि अनिल अंबानी एक समय दुनिया के सबसे रईस शख्सियतों में शुमार किए जाते थें| लन्दन कोर्ट का आदेश के पीछे सात साल पुराना मामला है जिसके तहत चीन के तीन बैंकों ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को अनिल अंबानी की निजी गारंटी पर वर्ष 2012 में 925 मिलियन डॉलर यानी 6475 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था, जो उन्हें वापस नहीं मिला है| कर्ज देने वाले तीन बैंक हैं- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड (ICBC), चाइना डिवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना|

कोर्ट ने दिया है 6 हफ़्तों का समय

ज्ञात हो कि इन तीन बैंकों ने अपील की थी कि अनिल अंबानी को तय शर्त के मुताबिक बकाया 680 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4,690 करोड़ रूपए की रकम कोर्ट में जमा करवाने का निर्देश दिया जाए| हालांकि, जज डेविड वाक्समैन ने तय किया अनिल अंबानी को छह सप्ताह के भी अदालत में 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 715 करोड़ रुपए जमा करवाना होगा|

अनिल अंबानी के वकील हरीश साल्वे के ‘ना’ ने बदला पूरा परिदृश्य

लन्दन कोर्ट के जज वाक्समैन ने फैसला देते हुए कहा कि, ‘अंबानी मुझे इस मसले पर संतुष्ट करने में विफल रहे हैं कि वह कुछ भी भुगतान करने में असमर्थ हैं| वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि व्यक्तिगत रूप से दिवालिया हो चुके हैं| क्या उन्होंने भारत में दिवालिया आवेदन किया है?’ इसके जवाब में अनिल अंबानी के वकीलों की टीम में शामिल हरीश साल्वे ने कहा- नहीं|

अनिल अंबानी के पास बचा है मात्र 8.9 करोड़ डॉलर!

अनिल अंबानी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘अंबानी का नेटवर्थ 2012 से लगातार नीचे आ रहा है| भारत सरकार की स्पेक्ट्रम देने की नीति में बदलाव से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में नाटकीय बदलाव आया है| वर्ष 2012 में अंबानी का निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था| आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है| यदि उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए, तो यह शून्य पर आ जाएगा|’

परिवार की मदद न मिलने के तर्क को कोर्ट ने नहीं माना

अनिल अंबानी के वकीलों ने कोर्ट में यह स्थापित करने का प्रयास किया कि उनके मुवक्किल के पास अपनी मां कोकिला, पत्नी टीना अंबानी और पुत्रों अनमोल और अंशुल की संपत्तियों और शेयरों तक कोई पहुंच नहीं है| बैंकों के वकीलों ने जवाब में कहा कि क्या हम गंभीरता से यह मान सकते हैं कि संकट के समय उनकी मां, पत्नी और बेटे उनकी मदद नहीं करेंगे| बैंकों के इस तर्क को कोर्ट ने मान कर फैसला दिया|

मुकेश अंबानी का भी हुआ जिक्र

बैंकों के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते हैं और वह फोर्ब्स की सूची में दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं| उनका अनुमानित नेटवर्थ 55 से 57 अरब डॉलर है|

ज्ञात हो कि RCom अभी भी भारत में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है| मगर शायद लन्दन कोर्ट केस में निजी गारंटर बनना अनिल अंबानी पर भारी पड़ता दिख रहा है| अब इस मुकदमें में आगे क्या प्रगति होती है पर इसका प्रभाव भारत में भी दिखेगा, यह तय है|