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उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को करेगा सुनवाई दूरसंचार कंपनियों के एजीआर पर

यह भुगतान दूरसंचार विभाग को किया जाना चाहिये।

दूरसंचार कंपनियों पर सरकार के बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान की नई समयसीमा तय करने संबंधी कंपनियों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा। यह याचिका भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलिसविर्सिज ने दायर की है।

इन कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये के पुराने सांविधिक बकाये का भुगतान करना है। उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति अरुण मिश्र, एस अब्दुल नजीर और एम आर शाह की पीठ दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करेगी।

दूरसंचार कंपनी ने मांगा अधिक समय

इस याचिका में दूरसंचार सेवा देने वाली इन कंपनियों ने एजीआर संबंधी बकाये का भुगतान करने के लिये न्यायालय से अधिक समय दिये जाने की गुहार लगाई है। दूरसंचार कंपनियां समायोजित सकल राजस्व के बकाये का भुगतान करने के लिये नई समय सारिणी चाहती हैं।

यह भुगतान दूरसंचार विभाग को किया जाना चाहिये। विभाग ने कंपनियों को इस संबंध में मांग नोटिस भेजे थे जिसे कंपनियों ने अदालत में चुनौती दी थी। इससे पहले 16 जनवरी को न्यायमूर्ति अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने दूरसंचार कंपनियों की फैसले की समीक्षा करने की याचिका को खारिज कर दिया था।

अदालत ने 1.47 लाख करोड़ रुपये चुकाने का दिया था आदेश

अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को 23 जनवरी 2020 तक एजीआर बकाये का 1.47 लाख करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था। इसी आदेश की समीक्षा की कंपनियों की याचिका को शीर्ष अदालत ने यह कहते हुये खारिज कर दिया कि इसमें उसे ‘‘कोई न्यायोचित कारण’’ नहीं दिखा।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 24 अक्टूबर को अपने फैसले में दूरसंचार विभाग की दलील को सही ठहराते हुये कहा था कि सरकारी सांविधिक देनदारियों में दूरसंचार कंपनियों की गैर- दूरसंचार आय को भी शामिल किया जाना चाहिये। इस संबंध में अदालत ने दूरसंचार विभाग की एजीआर परिभाषा को सही ठहराया।