शेयर मार्केट न्यूज़: 10% तक गिरा बाज़ार, सेबी को रोकना पड़ा कारोबार
सेबी की क़दमों को निवेशकों ने गलत संदर्भ में लिया
ऐसा लग रहा है मानो सेबी ( SEBI-Securities and Exchange Board of India ) और सरकार की कोई भी कोशिश शेयर मार्केट में निवेशकों में विश्वास की बहाली नहीं कर पा रहा है| ऐसा लग रहा है जैसे सेबी के द्वारा उठाए गए हर कदम से निवेशकों में स्थिति के और खराब होने का अंदेशा बढ़ते जा रहा है| कम से कम आज सप्ताह के शुरुआत के कारोबार को देख कर तो यही लग रहा है| आज सप्ताह के पहले कारोबारी दिन में बहुत ही खराब शुरुआत की, स्थिति इतनी बदतर हो गई कि सेबी को आज फिर से 45 मिनट तक के लिए शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को रोकनी पड़ गई है| खबर प्रकाशित होने तक सेंसेक्स 3,498.72 अंको के भारी गिरावट के साथ 26,417.24 पर कारोबार कर रहा था, वहीं निफ्टी 1008.75 अंक के नुकसान के साथ 7736.70 के निम्न स्तर पर पहुंच गया था|
10 दिनों में दूसरी बार रोकी गई ट्रेडिंग
ज्ञात हो कि विगत 10 दिनों दिनों में शेयर मार्केट में यह दूसरा अवसर है जब सेबी को शेयर मार्केट में फोर्स ट्रेडिंग स्टॉपर लगाना पड़ा है| इससे पूर्व 13 मार्च को भी सेबी ने 45 मिनट के लिए शेयर ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी, हालांकि उस दिन जब फिर से बाज़ार खुला था तो सेबी के आश्वासन के बाद से बढ़त के साथ उस दिन की क्लोजिंग हुई थी| तो क्या आज भी कुछ ऐसा ही होगा? क्या आज भी शेयर बाज़ार सकारात्मक बढ़त के साथ क्लोजिंग करेगी?
सेबी के कदम का हुआ नकारात्मक असर
जानकारी के लिए बता दें कि सेबी ने शेयर मार्केट में हो रही लगातार गिरावट पर लगाम लगाने के लिए ट्रेडिंग के लोअर सर्किट को लागू किया था, जिससे शार्ट पीरियड ट्रेडिंग के ऊपर लगाम लगाने का प्रयास था, मगर लगता है जैसे निवेशकों ने सेबी के इस कदम को नकारात्मक दृष्टी से देखा और आज कारोबार प्रारंभ होने के साथ ही भयंकर रूप से बिकवाली होने लगी, जिसपर लगाम लगाने के लिए मजबूर होकर सेबी को शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग को 45 मिंट के लिए रोनी पड़ गई|
ये कारण भी हैं जिम्मेदार
विदित हो कि शेयर मार्केट आज के इस गिरावट के लिए सिर्फ सेबी का कदम ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि कोरोना वायरस से उत्पन स्थिति, वैश्विक बाज़ारों में गिरावट का रुख और तेल मार्केट में ट्रेड वार भी समान रूप से जिम्मेदार हैं| भारतीय शेयर मार्केट के इस निरंतर गिरावट के लिए वे विदेशी निवेशक भी जिम्मेदार हैं, जो भारतीय मार्केट से लगातार अपने निवेश की निकासी कर रहे हैं| इनको देख कर देसी निवेशक भी यही रुख अपना रहे हैं|