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4.7 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण हुआ माफ़, पिछले 10 साल का रिकार्ड

कृषि ऋण का एनपीए 2018-19 में बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

देश के विभिन्न राज्यों को मिलाकर देश में कुल 4.7 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं। यह पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि ऋण का एनपीए 2018-19 में बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह कुल 8.79 लाख करोड़ रुपये के एनपीए का 12.4 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2015-16 में कुल एनपीए 5.66 लाख करोड़ रुपये था और इसमें कृषि ऋण की हिस्सेदारी 8.6 प्रतिशत यानी 48,800 करोड़ रुपये थी।

नवभारत टाइम्स के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वित्त वर्ष 2018-19 में कुल एनपीए में कृषि क्षेत्र का हिस्सा महज 1.1 लाख करोड़ रुपये यानी 12.4 प्रतिशत का ही है, लेकिन यदि हम पिछले दशक में 3.14 लाख करोड़ रुपये के माफ किये गये कृषि ऋण को जोड़ें तो खजाने पर इनका बोझ 4.2 लाख करोड़ रुपये हो जाता है। यदि महाराष्ट्र में 45-51 हजार करोड़ रुपये की हालिया ऋण माफी को जोड़ दें तो यह और बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो जाता है, जो उद्योग जगत के एनपीए का 82 प्रतिशत है।’’

मुख्य बिंदु

  • देश में कुल 4.7 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं।
  • यह कृषि ऋण माफ के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड है।
  • इस कृषि ऋण माफ़ी में महाराष्ट्र की 45-51 हजार करोड़ रुपये की हालिया ऋण माफी भी शामिल हैं.
  • कृषि ऋण माफ़ी में सबसे खराब प्रदर्शन मध्य प्रदेश का रहा है।
  • मध्य प्रदेश में महज 10 प्रतिशत कृषि ऋण माफ किये गये हैं।

यदि महाराष्ट्र में 45-51 हजार करोड़ रुपये की हालिया ऋण माफी को जोड़ दें तो यह और बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो जाता है, जो उद्योग जगत के एनपीए का 82 प्रतिशत है।’’ वित्त वर्ष 2014-15 के बाद 10 बड़े राज्यों ने 3,00,240 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं। यदि मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2007-08 में की गयी ऋण माफी को जोड़ दें तो यह बढ़कर करीब चार लाख करोड़ रुपये हो जाता है। इसमें दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के कृषि ऋण 2017 के बाद माफ किये गये।

आंध्र प्रदेश ने 2014-15 में 24 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण को माफ किया। इसी दौरान तेलंगाना ने भी 17 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की। तमिलनाडु ने 2016-17 में 5,280 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये। वित्त वर्ष 2017-18 में महाराष्ट्र ने 34,020 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश ने 36,360 करोड़ रुपये, पंजाब ने 10 हजार करोड़ रुपये, कर्नाटक ने 18 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये। कर्नाटक ने इसके बाद 2018-19 में 44 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी दी। वित्त वर्ष 2018-19 में राजस्थान ने 18 हजार करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश ने 36,500 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ ने 6,100 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र ने 45-51 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की।

वैसे इन कर्जमाफियों में कितने लोगों तक असलियत में ये लाभ पहुंची है कहा नहीं जा सकता लेकिन आंकड़े यही दर्शाते हैं। विदित हो कि इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक कर्ज माफ नहीं किये जा सके हैं।