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भारतीय बाज़ार में विदेशी निवेशकों की संख्या बढ़ी

विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में अब तक 3,827.9 करोड़ रुपए लगाए

सरकार के उपाय और शेयर बाज़ार के लिए सूझबूझ से उठाये जा रहे क़दम का सार्थक असर देखने को मिल रहा है। भारतीय बाज़ार में विदेशी निवेशकों की संख्या बढ़ रही है।

  • विदेशी निवेशकों ने इक्विटी में 3769.56 करोड़, बॉन्ड मार्केट में 58.4 करोड़ रुपए लगाए।
  • जुलाई-अगस्त में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की थी लेकिन अब सितंबर से लगातार ख़रीदारी कर रहे हैं।

देश के पूंजी बाज़ारों (इक्विटी-डेट) में विदेशी निवेशक, अक्टूबर में अब तक 3,827.9 करोड़ रुपए लगा चुके हैं। सरकार द्वारा मांग बढ़ाने के उपायों और मज़बूत विदेशी संकेतों से एफपीआई ने उत्साह दिखाया। उन्होंने शेयर बाजार में 3,769.56 करोड़ और डेट (बॉन्ड) मार्केट में 58.4 करोड़ रुपए का निवेश किया।

एफपीआई लगातार दूसरे महीने बड़े ख़रीदार बने हुए हैं। सितंबर में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी और डेट मार्केट में कुल 6,557.8 करोड़ रुपए लगाए थे। जबकि डिपॉजिटरीज से मिले आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के दौरान FPI ने भारतीय शेयर बाज़ार से शुद्ध रूप से 5,920.02 करोड़ रुपये की निकासी की। जुलाई में विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाज़ार से शुद्ध रूप से 2,985.9 करोड़ रुपये निकाले थे।

दरअसल जुलाई में बजट पेश हुआ था, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुपर रिच श्रेणी यानी अत्यधिक अमीर निवेशकों पर टैक्स सरचार्ज बढ़ा दिया था। इस फैसले के बाद उन्होंने एकाएक बाज़ार से निकासी  शुरू कर दी थी।

आलोक अग्रवाल (बजाज कैपिटल के हेड ऑफ रिसर्च एंड एडवाइजरी) का कहना है कि आने वाले समय में विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों के तिमाही नतीजों के प्रदर्शन के आधार पर तय होगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक का नज़रिया और अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर को लेकर चल रही वार्ता के नतीज़े जैसे विदेशी कारक भी अहम भूमिका निभाएंगे।