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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR )फ़ाइल करना है आसान और फ़ायदेमंद

आईटीआर की ई-फाइलिंग में सावधानी ज़रूरी है।

इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना कई लोगों को मुश्किल काम लगता है। आयकर रिटर्न भरने में छोटी सी ग़लती भी आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। सरकार GST फाइलिंग और इनकम टैक्स रिटर्न का मिलान करने लगी है। इसलिए आईटीआर की ई-फाइलिंग में सावधानी जरूरी है।

अगर आपने नियत समय से आईटीआर फाइल नहीं किया तो आपको ज़ुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है। बहुत से लोग इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या अन्य पेशेवर की मदद लेते हैं। कुछ लोग ख़ुद भी आईटीआर फाइल कर लेते हैं।

अगर आप भी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मदद से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर या ITR) फाइल कर रहे हैं तो सिर्फ CA पर ना रहें निर्भर। वास्तव में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तय समय-सीमा में आपका आईटीआर फ़ाइल हो गया है। अगर चार्टर्ड अकाउंटेंट को यह ज़िम्मेदारी देकर आप इस बारे में भूल जाते हैं, तो इसका नुकसान आपको उठाना पड़ेगा।

बहुत से लोग आयकर रिटर्न खुद फ़ाइल करना चाहते हैं। आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग बहुत आसान है। हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बता रहे हैं जिसकी मदद से आप आराम से आईटीआर फ़ाइल कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण टिप्स

  • आयकर रिटर्न ऑनलाइन फ़ाइल करने की प्रक्रिया में सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आपको आयकर क़ानून के तहत किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
  • इसके बाद अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको फॉर्म 16 में किन बातों पर ध्यान देना चाहिए। अगर आपके वेतन या आमदनी से टैक्स काटा गया है तो आप फॉर्म 26 AS में क्या देखें और उसका प्रयोग कैसे करें।
  • अगर आपके नियोक्ता ने फॉर्म 16 नहीं दिया है तो आप किस तरह आईटीआर फ़ाइल कर सकते हैं।
  • अगर आपने किसी वित्त वर्ष में प्रॉपर्टी, शेयर आदि ख़रीदा -बेचा है और उस पर आपको फ़ायदा -नुकसान हुआ है तो आप कैपिटल गेन्स की गणना कैसे कर सकते हैं।
  • अगर आप इनकम टैक्स की बचत के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो आपको अलग से आयकर बचाने में मदद मिल सकती है।

आईटीआर फ़ाइल करने के फ़ायदे

अगर आप टैक्स के दायरे में नहीं भी आते तब भी आपको आईटीआर फ़ाइल करना चाहिए। क्योंकि इससे आपको कई फ़ायदे होते हैं।

  1. विदेश जाने का वीजा लेने में होगी आसानी। विदेशी दूतावास आपकी वित्तीय स्थ‍िति जानने के लिए ITR को सबसे भरोसेमंद स्रोत मानते हैं।
  2. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और मार्केट की गिरावट की वजह से आपको पूंजी का नुकसान हो जाता है तो आप उसके बदले इनकम टैक्स में राहत पा सकते हैं।
  3. आमदनी का रिकॉर्ड रखने में होती है मदद। यदि आपकी आमदनी इनकम टैक्स के दायरे से नीचे आ गई है। तो इस बात के दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में आईटीआर फ़ाइल करना चाहिए। इससे आप आयकर विभाग को यह जानकारी देते है कि अब आपकी आमदनी घट गयी है और आप टैक्स नहीं चुका सकते।
  4. लोन लेना आसान होगा। अगर आप मकान, कार या एजुकेशन लोन आदि लेने की तैयारी कर रहे हैं, तो आईटीआर फाइल करने से आपका काम बहुत आसान हो सकता है। अगर आप आईटीआर फ़ाइल करते हैं तो लोन देने वाला संस्थान यह समझता है कि आप उसे अपनी आमदनी का एक ठोस सबूत दे रहे हैं।
  5. TDS क्लेम करने के लिए भी जरूरी है। भले ही आप टैक्स के दायरे में नहीं आते, लेकिन अगर कहीं आपके पेमेंट पर TDS (स्रोत पर कर कटौती) हुई है तो उसे वापस पाने के लिए आईटीआर भरकर आप आसानी से आय कर विभाग से रिफंड क्लेम कर सकते हैं।