Arthgyani
होम > न्यूज > Rcom के कर्जदाताओं ने अनिल अंबानी का इस्तीफा किया नामंजूर

Rcom के कर्जदाताओं ने अनिल अंबानी का इस्तीफा किया नामंजूर

दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक अनिल अंबानी को Rcom का निदेशक बने रहना होगा

Rcom (रिलायंस कम्युनिकेशंस) के कर्जदाताओं ने अनिल अंबानी समेत चार अन्य निदेशकों के इस्तीफे 20 नवंबर को हुए बैठक में नामंजूर कर दिए हैं| उनसे कहा गया है कि वे दिवालिया प्रक्रिया में रेजोल्यूशन प्रोफेशनल का सहयोग करें| Rcom ने कल रविवार को ये जानकारी दी| विदित हो की अनिल अंबानी के अलावा छाया विरानी, रायना कराणी, मंजरी काकर और सुरेश रंगचर ने पिछले दिनों इस्तीफे की पेशकश की थी|

वर्तमान में  दिवालिया प्रक्रिया में होने की वजह से आरकॉम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल अनीष निरंजन नानावती के नियंत्रण में है| इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरस्पी कोड (IBC) के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने जून में उन्हें नियुक्त किया था। स्वीडन की टेलीकॉम उपकरण कंपनी एरिक्सन ने पिछले साल Rcom के खिलाफ दिवालिया की याचिका लगाई थी। आरकॉम ने अपीलेट ट्रिब्यूनल से स्टे ले लिया था। लेकिन आर्थिक दबाव की वजह से इस साल खुद ही दिवालिया प्रक्रिया में जाने का फैसला लिया।

मीटिंग में इस्तीफे पर हुआ विचार-विमर्श 

भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार Rcom के BSE में किए गए फाइलिंग में बताया गया है कि 20 नवंबर को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की एक बैठक हुई| इस बैठक में अनिल अंबानी समेत 5 डायरेक्टर्स के इस्तीफे पर चर्चा हुई| जिसके बाद बैठक में कमेटी ने पांचों डायरेक्टर्स के इस्तीफे को अस्वीकर करने का फैसला किया| कंपनी ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा की,’Rcom से संबंधित डायरेक्टरों को बताया गया है की उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं और Rcom के डायरेक्टर होने के नाते उन्हें अपने उत्तरदायित्व और जिम्मेदारियों को निभाना जारी रखने का सुझाव दिया जाता है| इन्हें दिवालिया और ऋणशोधन प्रक्रिया में सहयोग देने का निर्देश दिया गया है|’

बोली दाखिले की अंतिम तिथि है आज 

बताते चले की बोली के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख आज सोमवार तक ही है और आज ही Rcom की कमेटी इस बारे में मुलाक़ात करके बोलियों की सार्वजानिक घोषणा करेगी| सूत्रों की मानें तो Rcom की संपत्ति हासिल करने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री, भारती एयरटेल समेत कुल 5 कंपनियां बोली लगा सकती है| सूत्रों से यह भी पता चला है की रिलायंस इंडस्ट्री खुद बोली में शामिल न होकर अपने सहयोगी कंपनी के माध्यम से बोली लगाएगी|

30,142 करोड़ रु. का हुआ घाटा

कर्जदाताओं ने Rcom पर 49 हजार करोड़ रुपए बकाया होने का दावा किया है| कर्ज चुकाने के लिए रेजोल्यूशन प्रोफेशनल की निगरानी में कंपनी की संपत्तियां बेचने की प्रक्रिया चल रही है| आरकॉम ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 30,142 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया| यह किसी भारतीय कंपनी का दूसरा बड़ा तिमाही नुकसान है| पहला स्थान वोडाफोन-आईडिया का है जिन्होंने हाल ही में 50 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा का नुकसान दिखाया था| विदित हो की आरकॉम को इतना नुकसान एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस की बकाया राशि के लिए 28,314 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग करने की वजह से हुआ|

किसी वक्त थे दुनिया के टॉप-10 अमीरों में शामिल

अनिल अंबानी किसी वक्त दुनिया के टॉप-10 अमीरों में शामिल थे, लेकिन अब उनकी कंपनी आरकॉम दिवालिया हो रही है| बड़े भाई मुकेश अंबानी से विवाद के चलते 2005 में कारोबार के बंटवारे में अनिल के हिस्से में आरकॉम आई थी| दो साल पहले मुकेश अंबानी ने जियो के जरिए टेलीकॉम कारोबार में एंट्री की| जियो के फ्री कॉल और सस्ते डेटा ने बाकी कंपनियों के साथ Rcom को भी टेलिकॉम इंडस्ट्री में टिके रहने में मुश्किलें खड़ी कर दीं| अंतत Rcom कॉम्पिटीशन में नहीं टिक पाई| भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया भी संकट से जूझ रही हैं| 

आज बोली लगाने वालों की सार्जनिक उद्घोषणा के साथ Rcom के नीलामी की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी|