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महंगाई की गाज @150 पे प्याज

बड़ा सवाल है कब सामान्य होंगी प्याज की कीमतें?

प्याज की बढती कीमतें महंगाई को और भी भड़का रही हैं|देश के विभिन्न शहरों में प्याज के दाम 150 रु प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचे है| आम आदमी की रसोई से दूर होता प्याज देश में चर्चा का प्रमुख विषय बन चुका है|आम आदमी और विपक्ष के प्रदर्शन को देखकर मोदी सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने में जुट गयी है|गृहमंत्री से लेकर आरबीआई तक सभी अपने स्तर पर कार्रवाई में जुटे हैं|इसके बावजूद बड़ा सवाल है कब सामान्य होंगी प्याज की कीमतें?

गृहमंत्री ने बुलायी बैठक:

प्याज की आसमान छूती कीमतों ने सरकार को भी शर्मसार किया है। विपक्ष के तेवर और आम जनता को जवाब देना सरकार को भी मुश्किल लगने लगा है| इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कई केंद्रीय मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठक की है। बैठक में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण  के उपायों पर चर्चा की गई। बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और प्रधानमंत्री के सलाहकार पी.के.सिन्हा भी मौजूद थे।स्वास्थ्य संबंधित समस्या के चलते उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान बैठक में शामिल नहीं हो सके।

आरबीआई का अनुमान मार्च तक नहीं मिलेगी राहत:

प्याज पर जारी चर्चाओं में रिजर्व बैंक भी शामिल हो गया|आरबीआई का मानना है कि  बढ़ती महंगाई से मार्च 2020 तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है|विदित हो कि  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक में चालू वित्‍त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 4.75-5.1 फीसदी कर दिया है|ये वृद्धि मुख्य रूप से प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों में उछाल को देखते हुये की गयी है|आरबीआई का मानना है कि होली तक लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिलेगी|रिजर्व बैंक के अनुसार मुद्रास्फीति का परिदृश्य कई कारकों से प्रभावित होगा|सब्जियों की कीमतों में तेजी आने वाले महीनों में जारी रह सकती है |खरीफ फसल की आवक बढ़ने और सरकार द्वारा आयात से  आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों से फरवरी, 2020 की शुरुआत में सब्जियों के दाम नीचे आ सकते हैं|काबिलेगौर है अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.6 प्रतिशत पर जा पहुंची है|खुदरा मुद्रास्फीति खाद्य वस्तुएं महंगी होने से बढ़ी है|

जारी हैं प्रयास:

बारिश एवं बाढ़ से प्याज उत्पादन में आयी 26 प्रतिशत की कमी से प्याज का मुल्य नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है|सरकार घरेलू बाजारों में आवक की कमी की पूर्ति आयात से करने में जुटी हुई है|आंकड़ों के अनुसार देश में 15 जनवरी तक 21,000 टन आयातित प्याज आने की संभावना है जिसके ठेके हो चुके हैं| इसके अलावा एमएमटीसी ने 15,000 टन प्याज आयात के तीन नए टेंडर जारी किए हैं |केंद्रीय उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि देश में विदेश व्यापार की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने 4,000 टन प्याज तुर्की से आयात करने का नया ठेका दिया है|यह प्याज जनवरी के मध्य तक देश में आएगा|अनुमानों के अनुसार 6,090 टन प्याज मिस्र से अगले कुछ दिनों में आएगा जबकि तुर्की से 11,000 टन प्याज इस महीने के आखिर में यह जनवरी के पहले सप्ताह में आएगा| उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक समन्वय समिति बनाई है, जो प्याज के आयात और वितरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि समय पर राज्यों को प्याज मुहैया करवाया जा सके|