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भारतीय एंप्लॉयीज के लिए खुशखबरी 9.2 प्रतिशत होगा इंक्रीमेंट

9.2% औसत इन्क्रीमेंट,एशिया में सबसे ज्यादा

इस वर्ष इंडिया इंक एंप्लॉयीज की सैलरी में 9.2 पर्सेंट की औसत बढ़ोतरी कर सकता है। यह पिछले वर्ष के 9.25 पर्सेंट से कुछ गिरा है। कॉर्न फेरी कंपनसेशन रिपोर्ट इंडिया ने यह अनुमान दिया है। कॉर्न फेरी इंडिया के क्लाइंट पार्टनर रूपक चौधरी ने बताया

अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटने और कई सेक्टरों के लिए मुश्किलों के दौर में इंक्रीमेंट की दर कम रहने का अनुमान था। ऐसे में सैलरी हाईक पिछले साल के स्तर पर रहने से कॉरपोरेट जगत को कुछ राहत मिल सकती है। इसके अलावा 4.2 पर्सेंट इन्फ्लेशन के साथ देश में सैलरी में वास्तविक इन्क्रीमेंट 5 पर्सेंट रहेगा जो एशिया में सबसे अधिक है।’

स्पेशल स्किल्स वाले एम्प्लॉयीज को अधिक इन्क्रीमेंट

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से इन्क्रीमेंट रेट कम रहा है। इससे पता चलता है बिजनस परफॉर्मेंस का असर सैलरी पर पड़ा है। कंपनियां अपने P & L मार्जिन और बजट को लेकर अधिक सतर्कता बरत रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छा परफॉर्म करने वालों को इस साल 15-18 पर्सेंट सैलरी हाइक मिल सकती है।

कई सेक्टरों की 500 से अधिक कंपनियों के सर्वे से यह रिपोर्ट तैयार की गई है। अच्छी रेटिंग हासिल करने और स्पेशल स्किल्स रखने वाले एम्प्लॉयीज को अधिक इन्क्रीमेंट मिलने का अनुमान है।

एम्प्लॉयीज नहीं बदल रहे हैं कंपनी

सर्वे से पता चलता है कि एम्प्लॉयीज के कंपनी छोड़कर जाने की दर 2014 के बाद से लगातार गिर रही है। 2019 में यह 10.78 पर्सेंट रही थी। चौधरी ने कहा, ‘जॉब मार्केट में सुस्ती के इस दौर में लोग नौकरी बदलने को लेकर एहतियात बरत रहे हैं। उन कंपनियों को अधिक पसंद किया जा रहा है।

जहां एम्प्लॉयीज को सैलरी में हाइक के साथ ही करियर के अच्छे मौके भी मिल रहे हैं। सीनियर लेवल पर नौकरी छोड़ने की दर अधिक है लेकिन जूनियर और मिड लेवल पर ज्यादातर एम्प्लॉयीज कंज्यूमर के खर्च घटाने और इंडस्ट्री में उठापटक के कारण मौजूदा नौकरी में ही बने रहना पसंद कर रहे हैं।’

एम्प्लॉयीज को मिल रहे रिवॉर्ड ताकि नौकरी न छोड़े एम्पलाई

एंप्लॉयीज की नौकरी छोड़ने की दर को कंपनियां घटाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए एम्प्लॉयीज को रिवॉर्ड के साथ ही करियर में आगे बढ़ने की संभावनाएं बढ़ाने जैसे उपाय किए जा रहे हैं।

एम्प्लॉयीज को अच्छा लीडर बनाने के लिए डिवेलपमेंट प्रोग्राम भी चलाए जा रहे हैं। मल्टीनैशनल कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को बनाए रखने के लिए विदेश में एक्सपोजर देने के साथ-साथ फ्लेक्सिबल वर्क अरेंजमेंट जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं।