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92% व्यापारियों ने दाखिल किया GST रिटर्न

1.04 लाख करदाताओं ने रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट दाखिल करने का विकल्प चुना

बीते साल (2019) GST से जुड़े राजस्व के संग्रह में सरकार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था|जीएसटी नेटवर्क द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर वर्ष 2017-18 के लिए गत 12 फरवरी तक दो करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार करने वाले बड़े कारोबारियों में से लगभग 92 ने वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किया है।रिटर्न दाखिले में वृद्धि का ये आंकड़ा उत्साहजनक माना जा सकता है|

क्या कहते हैं आंकड़े?

जीएसटी नेटवर्क द्वारा रविवार को दिल्ली में जारी वार्षिक रिटर्न GSTR-9 और रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट GSTR-9 C के आंकड़ों के अनुसार बड़े करदाताओं में से 91.3 प्रतिशत ने 12 फरवरी तक अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल किया है|जबकि 92.3 प्रतिशत ने उक्त तिथि से पहले अपना रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट दाखिल कर दिया था।विदित हो कि 2 करोड़ रुपए तक का वार्षिक कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करना वैकल्पिक है|जबकि 2 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए यह अनिवार्य है।मालूम हो कि ऐसे करदाताओं को भी रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट जिसे जीएसटीआर -9 सी के नाम से जाना जाता है, दाखिल करना होता है।इसे जीएसटीआर -9 दाखिल करने के बाद ही दाखिल किया जा सकता है।

इन कारोबारियों ने भी भरा रिटर्न:

GST नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में गौर करने वाली बात ये है कि जिन कारोबारियों के लिए वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर -9) दाखिल करना अनिवार्य नहीं है, उन्होंने भी बड़ी संख्या में रिटर्न दाखिल किया है। विदित हो कि जिन कर दाताओं का वार्षिक कारोबार 2 करोड़ रुपए तक का है उन्हें रिटर्न दाखिल करने करने की बाध्यता नही है|लगभग 1.04 लाख करदाताओं ने भी रेकन्सिलीऐशन स्टेटमेंट दाखिल करने का विकल्प चुना।आंकड़ों के अनुसार दो करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले वाले करदाताओं की संख्या 12.42 लाख है। यह कुल 92.58 लाख नियमित जीएसटी करदाताओं का 13.4 प्रतिशत है। जानकारी के लिए बता दें कि वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 बार बढ़ाई गई थी। जिन करदाताओं ने नियत तिथि तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे अभी भी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए विलंब शुल्क के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।