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जानीये ITR-1 आयकर रिटर्न प्रपत्र का प्रयोग?

आयकर का भुगतान न करना दंडनीय अपराध है

आयकर रिटर्न समय से दाखिल करना हर भारतीय नागरिक का आवश्यक दायित्व है|राष्ट्र के विकास के लिए कर दाताओं से संग्रहित ये कर ही राष्ट्रीय कोष का निर्माण करता है|सरकार इस कोष से विभिन्न कल्याणकारी कार्य करती है|आयकर का सही भुगतान जहां गर्व की बात है तो आयकर का भुगतान न करना दंडनीय अपराध है|आयकर के कानून के अनुसार रिटर्न दाखिल करने की विभिन्न प्रक्रियाएं एवं श्रेणियां हैं|आज हम बात करेंगे आयकर के रिटर्न प्रपत्र से सम्बंधित श्रेणियों की|इन श्रेणियों से सर्वप्रथम आईटीआर1 के संदर्भ में पूर्ण विवरण निम्नलिखित है|

ITR-1 (सहज) का प्रयोग कौन कर सकता है?

​आयकर विवरणी प्रपत्र ITR -1(सहज) का प्रयोग उस व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसकी आय में निम्न परिस्थितियाँ शामिल हो-

  • वेतन/पेंशन से प्राप्त आय,
  • घर संपत्ति से प्राप्त आय(पिछले साल से आगे लाए गए नुकसान के मामलों को छोड़कर),या
  • अन्य स्रोतों से आय( लॉटरी या रेस कोर्स से प्राप्त आय को छोड़ कर)|

इसके अलावा, उस मामले में जहां अन्य व्यक्ति जैसे, पति या पत्नी, छोटे बच्चे आदि की आय को भी कर दाता की आय में जोड़ा जाएगा, इस विवरणी प्रपत्र​ का उपयोग केवल तभी किया जाएगा जब आय बतार्इ गर्इ श्रेणी में शामिल हो।

 ITR – 1 (सहज) का प्रयोग कौन नहीं कर सकता?

​​​आयकर क़ानून के अनुसार विवरणी प्रपत्र आईटीआर -1(सहज)का प्रयोग निम्नलिखित व्यक्तियों  द्वारा नहीं किया जा सकता है |

  •  जिसकी साल भर की कुल आय में एक से अधिक मकान की संपत्ति की आय शामिल है।
  •  जिसकी साल भर की आय में लॉटरी से जीती गयी राशि या रेस कोर्स से हुई आय शामिल हो।
  •  जिसकी साल भर की कुल आय आयकर के ”पूंजीगत लाभ” के तहत शामिल हो।
  •  जिसकी साल भर की कुल आय में आय पर 5000 से ज्यादा की छूट शामिल हो।
  •  जिसकी साल भर की कुल आय में व्यवसाय या पेशे की आय शामिल हो।
  •  जिसकी साल भर की आय में ”अन्य स्रोतो से आय” के मद के तहत हानि भी शामिल है।
  •  जिसने धारा 90 तथा /या धारा 91​ के तहत छूट का दावा किया हो।
  •  जिसके पास भारत से बाहर संपत्ति हो (किसी संस्था में वित्तिय हित सहित)या किसी भी खाते में हस्ताक्षर करने का अधिकारी भारत से बाहर रहता है।