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Air india की 100% हिस्सेदारी बेचने की योजना तैयार

मोदी सरकार ने सोमवार को पेश किया निविदा पत्र

मोदी सरकार ने Air India  की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निविदा पत्र सोमवार को पेश कर दिया है|निविदा पत्र के अनुसार एअर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी|जबकि संयुक्त उपक्रम AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जायेगी। सर्वाधिक बोली लगाने वाले को एयरलाइन का प्रबंधन भी हस्तांतरित कर दिया जाएगा। निविदापत्र के अनुसार इच्छुक खरीदार 17 मार्च तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा कर सकते हैं।

ये कंपनियां बिक्री मसौदे का हिस्सा नहीं होंगी:

सरकार द्वारा जारी निविदापत्र के अनुसार एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेची जाएगी| बता दें कि  AISATS एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्त उपक्रम है। यह कंपनी ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य करती है। Air India की हिस्सेदारी एयर इंडिया इंजिनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में भी है| इन सभी कंपनियों को एक अलग कंपनी एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया चल रही है। ये  सभी कंपनियां मौजूदा बिक्री मसौदे का हिस्सा नहीं होंगी।

ये कंपनियां लगा सकती हैं दांव:

निविदा पात्र के अनुसार सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI)यानी अभ‍िरुचि दिखाने के लिए 17 मार्च की समयसीमा निर्धारित की है| आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी के अनुसार Air India के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं| एअर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं| व्यापक घरेलू औरअंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, ट्रैफिक राइट और लंदन, दुबई जैसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट पर स्लॉट के कारण निजी निवेशक एयर इंडिया में रूचि दिखा सकते हैं|

शर्तों में दी गयी है ढील:

Air India के विनिवेश के प्रयास सरकार लम्बे समय से कर रही है|जिसमें अब तक सफलता नहीं मिल पायी है|विनिवेश के पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए सरकार ने  इस बार शर्तों में ढील भी दी है|सरकार चाहती है कि कंसोर्टियम में ज्यादा से ज्यादा कंपनियां हिस्सा ले सकें| इसी कारण पूर्व की विनिवेश प्रक्रियाओं में निविदादाता की तय नेटवर्थ 5000 करोड़ रुपए को घटाकर 3500 करोड़ रुपए कर दिया गया है|