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मंत्री न होता तो Air India के ख़रीद के लिए बोली लगा रहा होता- पीयूष गोयल

पीयूष गोयल दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच के 'स्ट्रैटिजीक आउटलुक इंडिया' सेशन में संबोधित करते हुए कही यह बात

पिछले कुछ समय से मोदी सरकार के मुखर प्रवक्ता बने हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार के पक्ष को फिर एक बार ज़ोरदार अंदाज़ में रखा| केंद्रीय मंत्री गोयल दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच के ‘स्ट्रैटिजीक आउटलुक इंडिया’ सेशन में संबोधित करते हुए कहा कि, ‘अगर वे भारत सरकार के मंत्री न होता तो एयर इंडिया का महत्व और लाभ की संभावना को देखते हुए अभी उसे खरीदने के लिए बोली लगा रहा होता|’
ज्ञात हो कि गोयल के पास रेल मंत्रालय और वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय का भी प्रभार है|

दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री से हुई चर्चा

ज्ञात हो कि पीयूष गोयल ने विश्व आर्थिक मंच में कल बुधवार को दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री यू यंग-ही के साथ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी| उन्होंने विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक के दौरान कई उद्योगपतियों और विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की है| गोयल ने ट्विटर पर खुद यह जानकारी दी|

AIR INDIA के पास काफी अच्छे विमान

वहीं आज के ‘स्ट्रैटिजीक आउटलुक इंडिया’ सेशन में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘एयर इंडिया की बाइलैटरल सर्विस अग्रीमेंट बहुत अच्छी है| कंपनी काफी सुप्रबंधित और कार्य सक्षम है| इसके पास काफी अच्छे विमान हैं| अगर इसमें नए एयरक्राफ़्ट को शामिल किया जाता है और मैनेजमेंट को ज्यादा कुशल बनाया जाए तो यह सोने की खान की तरह है|’
जानकारी के लिए बता दें कि बाइलैटरल एयर सर्विस में दो देशों के बीच एक समझौता होता है, जिसके अंतर्गत दोनों देश एक दूसरे की एयरलाइंस को निश्चित सीट संख्या के साथ उड़ान की इजाज़त देते हैं|

भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से तेज रफ्तार पकड़ने के लिए तैयार

वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से तेज रफ्तार पकड़ने के लिए तैयार है| उन्होंने कहा कि निवेशकों के बीच भारत में निवेश करने को लेकर काफी उत्साह है| यहां उन्होंने कहा कि भारत सरकार ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बात करेगी|

RCEP को असंतुलित और पक्षपाती बताया

गोयल ने RCEP समझौते (The Regional Comprehensive Economic Partnership) पर कहा कि यह एक असंतुलित व्यापार समझौता था, जो कि आठ साल पहले तय किये गए सिद्धांतों पर खरा नहीं उतर रहा था| उन्होंने कहा कि RCEP के देशों में से जापान व कोरिया सहित आसियान के दस देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार समझौते हैं| साथ ही उन्होंने कहा कि भारत छह से आठ महीनों के अंदर ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी कर सकता है|

भारतीय बैंकों में बढ़ते NPA के बारे में कही ये बात

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बैंकों के खुद के आय- व्यय खातों को ठीकठाक करना और बैंकों को मजबूत बनाना एक अच्छा काम है| भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में फंसे कर्ज और अन्य समस्याओं को ठीक करने के लिए कई कदम उठाए हैं| अगर मैं दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का उदाहरण लूं तो 2008-09 में अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई थी| आर्थिक पतन का कारण सरकारी बैंक नहीं बल्कि निजी बैंक थे| केंद्रीय मंत्री ने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा, ‘भारत में हमारे पास पर्याप्त निजी बैंक हैं, जिन्होंने हमारे के लिए कोई गौरव का काम नहीं किया| इसके विपरीत, यदि आप मुझसे सरकारी बैंकों के बारे में पूछे तो इन बैंकों ने राष्ट्र सेवा में काफी कुछ किया है|’