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सहकारी बैंकों पर भी अब नजर रखेगा RBI, ग्राहकों को मिलेगी यह बड़ी सुविधा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिल के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मकसद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना हैं।

केंद्र की मोदी सरकार देश के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लगातार क्रांतिकारी कदम उठा रही है। ऐसा ही कुछ बड़ा कदम हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा उठाया गया है। बता दें, वित्त मंत्री ने बीते सोमवार को लोकसभा में Cooperative Banks को RBI के दायरे में लाने के लिए बैंकिंग नियमन विधेयक पेश किया। इस बिल में Cooperative Banks के जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए बेहतर प्रबंधन और समुचित नियमन के जरिए बैकिंग क्षेत्र में हो रहे बदलावों के अनुरूप बनाने का प्रावधान किया गया है।

जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा यह ब‍िल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिल के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मकसद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना हैं। Cooperative Banks के लिए लाया गया यह बिल कुछ महीने पहले सामने आए 26 जून में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। इसके साथ वित्त मंत्री यह भी स्पष्ट करते हुए कहा कि यह प्रस्तावित कानून उन सहकारी बैंकों पर लागू होगा जो बैंक, बैंकर और बैंकिंग से संबंधित होंगे। जिसका मकसद सहकारी बैंकों को ऐसे नियमों के दायरे में लाना है जो दूसरे बैंकों पर लागू होते हैं।

वर्तमान की स्थ‍िती की बात करें तो देश में 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव बैंक हैं। Cooperative Banks के इस बैंकिंग रेगुलेशन बिल से अब RBI इन सभी Cooperative Banks को रेगुलेट करेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंकों को रेगुलेट करने का यह पूरा काम RBI की सब्सिडियरी Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation द्वारा किया जाता है।

जमाकर्ताओं को मिलेगी यह सुविधा

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में देश के 277 शहरी Cooperative Banks के नुकसान में होने की खबरें सामने आईं थीं। इसलिए इस बिल का उद्देश्य मुख्य रूप से Cooperative Banks में जमाकर्ताओं की सुरक्षा के उद्देश्य से है। साथ ही यह उन सहकारी समितियों पर लागू होगी जो केंद्रिय और बैंक शब्द का इस्तेमाल करते हैं और बैंकों जैसा व्यवहार करते हैं।

जानकारों की मानें तो Cooperative Banks को लेकर लिया गया यह फैसला ग्राहकों के हित में है क्योंकि अगर अब कोई बैंक डिफॉल्ट करता है तो बैंक में जमा 5 लाख रुपए तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित है। केंद्र सरकार के इस फैसले से बैंक ग्राहकों को यह फायदा होगा कि उनका पैसा सुरक्षित है। साथ ही RBI यह भी तय करेगा कि Cooperative Banks का पैसा किस क्षेत्र के लिए आवंटित किया जाना चाहिए।