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31 मार्च तक रेलवे ने किया चक्का जाम, 1,300 करोड़ का नुकसान

इस फैसले से लगभग 12,500 ट्रेन बंद हो जायेंगी।

कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। भारतीय रेलवे ने कोरोना से लड़ने के लिए 31 मार्च तक मालगाड़ी को छोड़ कर सभी पैसेंजेर ट्रेन को बंद करने का फैसला लिया है। इस फैसले से लगभग 12,500 ट्रेन बंद हो जायेंगी। इसके साथ ही 500 सब-अर्बन ट्रेन के संचालन को भी रोकने का फैसला लिया गया है, इस फैसले से पहले से कमाई में कमी का सामना कर रहे रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पिछले कुछ साल से रेलवे की कमाई लगातार घट रही है। बावजूद इसके रेलवे ने कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए यह कदम उठाया है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो चालू वित्त वर्ष (2019-20) की तीन तिमाही में लगातार रेलवे की कमाई घटी है।

इंडियन रेलवे को साल 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में यात्री किराये से 13,398.92 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, जुलाई -सितंबर तिमाही में यह घटकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यात्री किराये से रेलवे की कमाई और गिरकर 12844.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

9000 मालगाड़ियां चलेंगी प्रतिदिन

रेलवे ने मार्च से दिसंबर तक 9 महीने में कुल 39485 करोड़ की कमाई की। रेलवे की एक महीने की औसत कमाई 4387 करोड़ रुपये है। एक दिन में रेलवे की कमाई 146 करोड़ के करीब है, अगर 9 दिन तक (23-31 मार्च) रेल का संचालन पूरी तरह ठप रहेगा तो केवल यात्री किराए से होने वाली 1316 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान होगा।
देश में सामान की आपूर्ति पर असर नहीं पड़े और लोगों को सामान की आपूर्ति में समस्या नहीं हो इसके लिए मालगाड़ी का संचालन जारी रहेगा। इंडियन रेलवे की तरफ से रोजाना 9000 मालगाड़ी का संचालन किया जाता है, इसके साथ ही 9000 पैसेंजर ट्रेन और 3500 मेल एक्सप्रेस का संचालन किया जाता है।
बहुत लोगों ने रेल के टिकट बुक कराए थे और अब ट्रेन कैंसल हो गयी है तो यात्रियों को आसानी से टिकट के पैसे मिल जायेंगे। टिकट कैंसलेशन को लेकर भी रेलवे ने नियमों मे ढील दी है। रेलवे की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 31 मार्च तक जो ट्रेन कैंसल की गई हैं उसका फुल रिफंड 21 जून 2020 तक क्लेम किया जा सकता है।