Corona Virus: मुश्किल में दुनिया की अर्थव्यवस्था
भारत पर भी पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
इस साल कोरोना वायरस से फैली महामारी वैश्विक आर्थिक वृद्धि को नुकसान पहुंचा सकती है,लेकिन इसके बाद तेजी से आर्थिक सुधार देखने को मिल सकता है|कोरोना वायरस से फैली महामारी की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो जाएगी|इससे ग्लोबल जीडीपी की ग्रोथ रेट में 0.1 से 0.2 फीसदी तक की कमी आ सकती है|ये बातें आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहीं|वे दुबई में ‘ग्लोबल वीमेंस फोरम’ को संबोधित कर रही थी|
अभी ‘बहुत जल्दी’ होगा महामारी का मुल्यांकन:
पीटीआई की खबर के मुताबिक ग्लोबल वीमेंस फोरम को संबोधित करते हुए जॉर्जीवा ने कहा कि इस बीमारी से पहले ही 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है|इसका पूरा असर इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी पर कितनी जल्दी काबू पाया जाता है|उन्होंने कहा कि महामारी के असर का पूरा मूल्यांकन करना अभी ‘बहुत जल्दी’ होगा, लेकिन उन्होंने माना कि इससे पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्र पहले ही प्रभावित हो चुके हैं|हम नहीं जानते हैं कि ये वायरस कैसा है? हम नहीं जानते हैं कि चीन इस पर कितनी जल्दी काबू पा लेगा? हम नहीं जानते हैं कि क्या यह बाकी दुनिया में फैलेगा? उन्होंने कहा कि अगर इस पर ‘तेजी से काबू पा लिया जाता है’ तो तेजी से गिरावट के बाद तेजी से उछाल आ सकता है, जिसे ‘वी-प्रभाव’ कहा जाता है|
भारत में सुधार की उम्मीद भी कम हुई:
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने दुबई में ‘ग्लोबल वीमेंस फोरम’ में रविवार को बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर में गिरावट आ सकती है, हमारा अनुमान है कि यह गिरावट 0.1-0.2 प्रतिशत के आसपास होगी|वैश्विक अर्थव्यवस्था की बदहाली का प्रभाव भारत पर भी पड़ना तय है|विदित हो कि रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2020 के लिए भारत और चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है|मूडीज ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है|मूडीज के अनुसार भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए|