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दूरसंचार विभाग के आदेश से विदेशी टेलिकॉम उपकरण कंपनियों में हडकंप

सरकारी खरीद आदेश, 2017 में किया गया है बदलाव

अगर देश में अभी सबसे ज्यादा कोई मुद्दा चर्चा में है तो वो है टेलिकॉम सेक्टर| एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारत में कार्यरत्त सभी दूरसंचार कम्पनिया सकते में है, वहीं दूरसंचार विभाग ने अपने एक नये आदेश के तहत विदेशी टेलिकॉम उपकरण कंपनियों को भारत के कारोबार को सीमित करने का आदेश सुनाया है|

अपने एक आदेश में दूरसंचार विभाग ने उन सभी विदेशी टेलिकॉम उपकरण निर्माता कंपनियों को भारत में कारोबार करने पर रोक लगाने का फैसला किया है जिन देशों में भारतीय कंपनियों के कारोबार करने पर अवरोध उत्पन्न किया जाता है|

क्या Vodafone के तेवर का है असर ?

भारतीय दूरसंचार विभाग का यह आदेश सरकारी खरीद आदेश, 2017 में एक बदलाव के तहत लागू किया गया है| कहने को तो इसका उद्देश्य भारतीय टेलिकॉम कंपनियों के उपकरण निर्माण क्षेत्र में प्रोत्साहन देना है, मगर इस निर्णय में कुछ न कुछ अंस AGR मुद्दे पर वोडाफोन कंपनी के आक्रामक तेवर का जरुर है| ज्ञात हो कि वोडाफोन अपने AGR बकाए के भुगतान में बहुत ही आनाकानी कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी बकाए के भुगतान में बहुत ढील बरत रहा है|

‘मेड इन इंडिया’ मुहीम को मिलेगा प्रोत्साहन 

दूरसंचार विभाग के सरकारी खरीद आदेश, 2017 में कुछ ऐसे प्रावधानों को जोड़ा गया है जिससे भारत में कारोबार करने वाली दूरसंचार कंपनियां, अपने जरुरत के उपकरणों के लिए विदेशी कंपनियों पर से निर्भरता कम करेंगी| बल्कि भारत में ही ‘मेड इन इंडिया’ योजना का लाभ उठा कर ज्यादा किफायती दर से उत्पादन कर सकेंगी| विदित ह कि भारत के टेलिकॉम क्षेत्र में दूरसंचार विभाग नोडल एजेंसी के अधिकार से कार्य करती है| दूरसंचार विभाग के अनुसार इस नए आदेश से भारत में टेलिकॉम उपकरणों के निर्माण में तेज़ी आएगी|

भारत में टेलिकॉम उपकरणों का है वृहत बाज़ार 

ज्ञात हो कि भारत में दूरसंचार एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर अभी भी बहुत संभावनाएं बाकी है| भारत के विशाल बाज़ार की तरह ही दूरसंचार से संबंधित उपकरणों का मार्केट भी काफी वृहत है| इन उपकरणों में WIFI, फिक्स्ड लाइन, सेल्युलर नेटवर्क और 5जी सेवाओं से संबंधित टेलिकॉम उपकरणों के लिए भारतीय कमनियां बहुत हद तक विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहती हैं|

ये विदेशी कंपनियां हालांकि भारत में खुलकर व्यापार करती हैं मगर जब इन कंपनियों के मूल देशों में कारोबार की बात आती है तो वे भारतीय कंपनियों के लिए अवरोध उत्पन्न करने का कोई भी  मौका नहीं छोडती हैं| दूरसंचार विभाग के इस नए आदेश से विदेशी कंपनियों के रुख में जरुर परिवर्तन आएगा|