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ELSS चुनने के लिए इन बातों का रखें ध्यान, करें कमाई जोरदार

अगर आप पूरी जानकारी और सावधानी के साथ ELSS में निवेश करेंगे तो आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता|

बजट का समय आते-आते हम अपने सेविंग पर बचत के उपायों के लिए चार्टेड अकाउंटेड (CA) के पास चक्कर लगाने लगते हैं| अगर आप भी इन्ही चक्करों में हैं तो एक स्कीम है, जिसका नाम है ELSS यानी इक्विटि लिंक्ड सेविंग्स स्कीम|

हम सबको पता है कि इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छुट मिलती है, मगर हम यह निर्णय नहीं ले पाते हैं कि इसके लिए कहां इन्वेस्टमेंट करें| ELSS एक अच्छा टैक्स सेविंग विकल्प हो सकता है, मगर इसके चयन के लिए भी बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है|

इन चार बातों का रखे ध्यान, तब आपका ELSS होगा खास::

1) थोड़ा वक्त देना जरूरी

हर बार पिछले रिटर्न पर ही भरोसा करना सही नहीं है| आपके पूरे निवेशकाल में कोई स्कीम हमेशा टॉप परफॉर्म करे, ऐसा असंभव होता है| हरेक स्कीम उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरता है| इसलिए अच्छे से चुनकर पोर्टफोलियो में शामिल किए गए इन्वेस्टमेंट को थोड़ा वक्त देना जरूरी होता है| हां, अगर पर्याप्त वक्त मिलने के बाद भी कोई स्कीम अच्छा परफॉर्म नहीं करती है तो उसे पोर्टफोलियो से तत्काल निकालने में हिचकना भी नहीं चाहिए|

2) जोखिम उठाने को रहें तैयार, ज्यादा जोखिम-ज्यादा लाभ

जैसा कि आप जानते हैं कि सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स बचत के लिए ELSS फंड्स में निवेश अच्छा विकल्प होता है| अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार हैं तो आपको ELSS का रुख करना चाहिए| हालांकि, इन टैक्स बचत वाली स्कीम्स में पैसे डालने से पहले आपको इन बातों पर भी अच्छे से विचार कर लेना भी उचित होगा| यह कि सिर्फ अच्छे रिटर्न की संभावना देखकर ELSS में निवेश नहीं करें| ELSS में निवेश तभी करें जब आप ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार हैं| ध्यान रहे कि ELSS फंड वाले निवेश का बड़ा हिस्सा शेयरों में लगाते हैं|

3) निकासी में न करें जल्दबाजी

आपको पता होना चाहिए कि ELSS या टैक्स बचाने वाले म्यूचुअल फंड्स में कम-से-कम तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है| यानी, आप तीन साल से पहले निवेश से निकल नहीं सकते| हालांकि इसका मतलब यह भी नहीं है कि आपको बस तीन वर्षों के लिए ही निवेश बनाए रखना है| उचित अवधि तो पांच से सात वर्षों की होती है| आप अपने ओवरऑल फाइनैंशल प्लान में ELSS को जरूर शामिल करना चाहिए| ELSS आपकी लंबी अवधि के लक्ष्यों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं| मैंडेटरी लॉक इन पीरियड खत्म होते ही स्कीम से निकलने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए| हां, आपने जिस वित्तीय लक्ष्य के लिए निवेश किया है, उसके लिए इसे भंजाने में कोई हर्ज नहीं है|

इक्विटि लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) के चुनाव से पहले और बाद में उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखने से फायदा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी| इसलिए विश्वास के साथ निवेश करें और अपने निवेश पर विश्वास रखें|