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सरकार ने घटाई EPF व्याज दर, कर्मचारियों को होगा बड़ा नुकसान

EPFO ने चालु वित्त वर्ष (2019-20) के लिए EPF पर मिलने वाले व्याज दर को 8.65% से 0.15% घटाकर 8.5 करने का निर्णय लिया है

अपने उच्च व्याज दर के लिए जाना जाने वाला प्रोविडेंट फण्ड (PF) के व्याज दर पर सरकार ने कटौती करने का निर्णय किया है| इस कटौती के बाद EPF पर मिलने वाला व्याज दर अपने सात सालों के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है| ज्ञात हो कि वित्त मंत्रालय काफी वर्षों से इस प्रयास में है कि EPF के व्याज दर को भी पोस्ट ऑफिस और बैंकों में मिलने वाले व्याज दर के समकक्ष लाया जाए|

सात साल पूर्व के स्तर पर पहुंचा 

ज्ञात हो की कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने चालु वित्त वर्ष (2019-20) के लिए EPF पर मिलने वाले व्याज दर को 8.65% से 0.15% घटाकर 8.5 करने का निर्णय लिया है| सरकार के इस निर्णय से यह वर्ष 2012-13 के स्तर पर पहुंच गया है, जब यह इसी व्याज प्रतिशत के समकक्ष थी| EPF के अंतर्गत जमा धनराशि पर 0.15% व्याज दर घटाने से इसमें अंशदान करने वाले लगभग 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे|

उच्च व्याज दर और पेंशन योजना है आकर्षण 

ज्ञात हो कि विभिन्न क्षेत्रों के बहुत से कर्मचारी EPFO के इस योजना में मासिक आधार पर अपने सैलरी में से अंशदान करते हैं| जितनी राशि का अंशदान कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, लगभग उतनी ही धनराशि नियोक्ता द्वारा भी इस योजना में योगदान किया जाता है| उच्च व्याज दर और पेंशन योजना का लाभ संलग्न रूप से प्राप्त होने की वजह से यह कर्मचारियों के बीच बचत के लिए काफी लोकप्रिय है|

EPF के व्याज दर में कमी के बारे में निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि, ‘ EPFO ने CBT (केंद्रीय न्यासी बोर्ड) की आज हुई बैठक में 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.5% ब्याज देने का निर्णय किया है|’ ज्ञात हो कि CBT, EPFO के बारे में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है|

EPFO के EPF पर व्याज दर घटने के निम्न प्रभाव होगा:

  • 6 करोड़ अंशधारकों को कम व्याज दर और रिटर्न मिलेगा|
  • EPFO के पास 700 करोड़ रूपए के राशि का अधिशेष प्राप्त होगा|
  • सरकार इस अधिशेष राशि का उपयोग अपने अन्य कार्यों में करेगी|

विगत सात सालों से EPFO द्वारा EPF पर प्रदान की जाने वाली व्याज दर:

2019-20     8.50%

2018-19     8.65%

2017-18     8.55%

2016-17     8.65%

2015-16     8.80%

2014-15     8.75%

2013-14     8.75%

2012-13     8.50%