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कोरोना वायरस के चलते भारत के कितने उद्योगों पर पड़ा असर

चीन में फैले कोरोना वायरस से यहाँ के बाजार पर काफी असर पड़ा है ।

भारत में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी का खतरा नहीं है, मगर चीन में फैले कोरोना वायरस से यहाँ के बाजार पर काफी असर पड़ा है । चीन में बंद पड़े कारखानों का असर भारत में स्टील, ऑयल एंड गैस, फार्मा, ऑटो एंव पार्ट्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल, आईटी और केमिकल जैसे कई सेक्टर्स पर देखने को मिल रहा है।

अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान भारत ने चीन से $52 अरब का आयात किया था। इसमें इलेक्ट्रिकल मशीनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, जैविक केमिकल्स और प्लास्टिक की बड़ी हिस्सेदारी थी। कोरोना वायरस के चलते भारत ने चीन को $13 अरब का निर्यात किया।

ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्टोरिटीज के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस (कोविड 19) के तमाम सेक्टर्स पर निम्नलिखित असर पड़ सकते हैं:

एग्रोकेम

चीन से ज्यादा बड़े पैमाने पर केमिकल और दुसरे सामानों की भी सप्लाई होती है।बहुत सी कंपनियों ने बहुत हद तक चीन की तरफ से मुख मोड़ लिया है, जो हालिया समय में सप्लाई का दिक्कतों का नतीजा रहा है। घरेलू कंपनियां अपने पास करीब दो महीने का स्टॉक रखती हैं।

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स

चीन में कारखानों के बंद रहने से इन भारतीय कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। भारत चीन पर फ्रिज, एसी के कंप्रेसेसर आदि चीजों के लिए निर्भर करता है। कंप्रेसर की पूरी जरूरत और कुछ अन्य पार्ट्स की बड़ी हिस्सेदारी चीन से ही आयात होती है।

यातायात सेवा 

भारतीय आईटी कंपनियों के लिए ट्रेवल और यातायात महत्वपूर्ण इकाई है। इसमें होटल, रेलवे, रोड और एयरलाइन कंपनियां शामिल हैं। कोविड 19 से ट्रैवल कम हुआ है, जिसका अर्थ है कि लोगों के खर्च में कमी आएगी। इसका सबसे अधकि असर माइंडट्री और हेक्सावेयर पर पड़ने वाला है।

स्टील

चीन स्टील का शुद्ध रूप से निर्यात करता है। कोरोना वायरस के कारण चीन से सप्लाई बंद है। इसके चलते स्टॉक अधिक हो गया है और घरेलू बाजारों में दबाव बढ़ गया है। घरेलू स्टील की कमजोर कीमतों के साथ ही बाहर भी कीमतों में कमी का रुख है।

स्टील की कीमतों में काफी कमी आई है जिसके चलते स्टील उत्पादकों की कमाई पर असर पड़ रहा है। देश की प्रमुख चार स्टील कंपनियों में सेल और टाटा स्टील पर स्टील के भाव का सबसे अधिक असर पड़ता है।

फार्मा

भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए चीन का महत्व काफी अधिक है। फार्मा कंपनियां कच्चे माल के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। कोरोना वायरस के चलते ज्यादातर फार्मा कंपनियों की सप्लाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। ये हालत जून तक बने रहने की सम्भावना है। सप्लाई में कमी और भी ज्यादा बढ़ सकती है।