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IMF ने भारत के GDP अनुमान को 6.1% से घटाकर 4.8% किया

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2019 में वैश्विक वृद्धि दर मात्र 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है

आर्थिक सन्दर्भ में चौतरफा दबाव झेल रहे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर है| अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर में कटौती की है| IMF ने इस कटौती के पीछे मुख्य कारण गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में समस्या और गांवों में आय वृद्धि में नरमी को बताया है|

IMF ने पूर्व में ही दी थी चेतावनी 

इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया| भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 2019 के लिए 4.8 प्रतिशत कर दिया है| ज्ञात हो की दिसंबर 2019 में IMF ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि वह भारत के विकास दर में भारी कटौती करेगा|
हालांकि अगले वित्त वर्ष से अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ने का अनुमान लगाया गया है| IMF ने कहा कि 2020 और 2021 में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रह सकती है| IMF के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत, 2020 में 3.3 प्रतिशत और 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी|

समन्वित तरीके और तत्काल कदम उठाने की जरुरत-क्रिस्टलीना जॉर्जिवा

विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सालाना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि नीति निर्माताओं को बस यही सरल सुझाव है कि वे वह सब करते रहें जो परिणाम दे सके और जिसे व्यवहार में लाया जा सके| उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर वृद्धि में फिर से नरमी आती है तो हर किसी को समन्वित तरीके से फिर से और तत्काल कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए|

पश्चिम एशिया में कुछ घटनाक्रम से भी पड़ा प्रभाव 

NBT की रिपोर्ट के मुताबिक IMF ने कहा कि हम अभी बदलाव बिंदु पर नहीं पहुंचे हैं यही वजह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि परिदृश्य को मामूली कम किया जा रहा है| जॉर्जिवा ने कहा कि व्यापार प्रणाली में सुधार के बुनियादी मुद्दें अभी भी बने हुए हैं और हमने देखा है कि पश्चिम एशिया में कुछ घटनाक्रम हुए हैं|
IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते पर मामला आगे बढ़ने के साथ अक्टूबर से जोखिम आंशिक रूप से कम हुए हैं| उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से भारत के आर्थिक वृद्धि अनुमान में कमी के कारण दो साल की वृद्धि दर में 0.1 प्रतिशत और उसके बाद के वर्ष के लिए 0.2 प्रतिशत की कमी की गई है|
विदित हो की अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने खुद अपने अनुमान में 2019 के लिए GDP अनुमान को घटाकर 5% कर दिया था|