Arthgyani
होम > न्यूज > LTCG टैक्स हटाने पर विचार कर रही है सरकार

LTCG टैक्स हटाने पर विचार कर रही है सरकार

एलटीसीजी टैक्स हट सकता है बजट से

सरकार लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्‍स हटाने पर विचार कर रही है। सरकार का इस मामले में कर सलाहकारों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श भी चल रहा है। एलटीसीजी टैक्‍स को वित्‍त वर्ष 2019 के बजट से शुरू किया गया था। LTCG टैक्स लागू करने पर सरकार की काफी निंदा भी हुई थी। टैक्‍स एडवाइजर्स की माने तो सरकारी अधिकारी देश में लंबी अवधि का विदेशी निवेश ज्‍यादा मात्रा में लाने  पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में एक प्रस्‍ताव यह आया है कि लिस्‍टेड शेयरों पर एलटीसीजी को खत्‍म कर दिया जाए।

इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकार ‘लॉन्‍ग टर्म’ को एक साल के बजाय दो साल कर सकती है। फिलहाल एलटीसीजी पर 10 फीसदी टैक्‍स लगता है। चर्चा में शामिल एक शख्‍स ने बताया कि सरकार स्‍ट्रेटेजिक इनवेस्‍टर और शॉर्ट टर्म इनवेस्‍टर के बीच अंतर करना चाहती है। उन्‍होंने कहा, लागू किए जाने के दो साल के बाद ही एलटीसीजी पर कटौती करना आसान नहीं होगा। हालांकि, विदेशी निवेशकों के लिहाज से यह अहम है। अगर होल्डिंग पीरियड बढ़ाकर दो साल कर दिया जाए तो यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा निवेश होगा।

एलटीसीजी क्या है

शेयरों और शेयर आधारित म्यूचुअल फंड्स को एक साल से ज्यादा रखने पर जो फायदा होगा है उस पर LTCG यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स चुकाना पड़ेगा। कैपिटल गेन्स 2 तरह के होते हैं पहला लॉन्ग टर्म और दूसरा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स। अगर 1 साल बाद शेयर बेचा जाएं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स चुकाना होगा। 1 साल से कम समय में शेयर बेचने पर पहले से ही शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है।

विशेषज्ञों की राय

ईटी ख़बरों के अनुसार , भारत जिन मार्केट से पूंजी के लिए बराबरी करता है, उन बाजारों मे अधिकतर में एलटीसीजी की व्‍यवस्‍था नहीं है। सरकार को निवेशक फोरम से भी सुझाव मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार को उम्मीद थी की एलटीसीजी लागू होने बाद सालाना 40,000 करोड़ रुपये आमदनी हो सकती है। लेकिन, वसूली इसके इर्द-गिर्द भी नहीं रही।

टैक्‍स एडवाइजर्स के सीईओ ने कहा, सरकार की विनिवेश योजनाएं तभी कामयाब हो सकती हैं जब कैपिटल मार्केट मजबूत होगी । एलटीसीजी टैक्‍स ने लिस्‍टेड सिक्‍योरिटीज पर दिक्‍कत बढ़ाई है। जबकि उम्‍मीद के हिसाब से फायदा भी नहीं मिला है। कई फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्‍टरों और दूसरे निवेशक न्‍यूयॉर्क में पीएम के वादे पर भरोसा कर रहे हैं कि सरकार कैपिटल गेंस टैक्‍स की व्‍यवस्‍था पर दोबारा सोच-विचार कर सकती है।