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10 सरकारी बैंक मर्जर को तैयार, बस सरकार की मोहर लगने का है इंतज़ार

मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं

बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ी खबर है| नुकसान में चल रहे सरकारी बैंकों को लेकर सरकार चिंता में है| यही वजह है की सरकार PSU Banks को बड़े बैंकों में विलय (Merger) करने का प्लान कर रही है| इस फैसले पर सरकार इस हफ्ते अपनी मुहर लगा सकती है| अगर सब कुछ सही रहा तो 1 अप्रैल 2020 को विलय की प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा|

1 अप्रैल 2020 को की जा सकती घोषणा

इस नोटिफिकेशन के बाद 10 बैंकों का 4 बैंकों में विलय कर दिया जाएगा| इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी| इस बड़े विलय की घोषणा पिछले साल 30 अगस्त को की गई थी| मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं| हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है|

SBI के बैंकों का हो चूका है विलय

बता दें कि 2017 में भी केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहायक बैंकों का विलय किया था| इनमें स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और भारतीय महिला बैंक का स्टेट बैंक का SBI में विलय किया गया था|

निर्मला सीतारमण ने की थी घोषणा

न्यूज़18 के मुताबिक़ सरकार ने बीते साल अगस्त में 10 बैंकों के विलय की घोषणा की थी| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा| केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा| यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय किया जायेगा|

इस मर्जर के बाद बचेंगे ये बैंक

इस विलय बाद सार्वजनिक सेक्टर में केवल भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक रह जाएंगे|